प्रदेश की संस्कृति को सहेजने में लालंचद प्रार्थी का अहम योगदान

कुल्लू के देवसदन में शनिवार को स्व. लालचंद प्रार्थी के प्रदेश की संस्कृति

By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 07:29 PM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 07:29 PM (IST)
प्रदेश की संस्कृति को सहेजने में  लालंचद प्रार्थी का अहम योगदान
प्रदेश की संस्कृति को सहेजने में लालंचद प्रार्थी का अहम योगदान

संवाद सहयोगी, कुल्लू : कुल्लू के देवसदन में शनिवार को स्व. लालचंद प्रार्थी के प्रदेश की संस्कृति को सहेजने में दिए दिए योगदान को याद किया गया। हिमाचल कला संस्कृति और भाषा अकादमी की ओर से स्व. लालचंद प्रार्थी की जयंती पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में संगीत नाटक अकादमी के सदस्य एवं लेखक डॉ. सूरत ठाकुर ने उनकी पुस्तक कुल्लूत देश की कहानी में पौराणिक प्रसंग विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में वैदिक और पौराणिक समय में कुल्लू के प्राचीन राज्य होने को तथ्य सहित वर्णन किया गया है।

कला संस्कृति भाषा अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह ने बताया कि अकादमी और भाषा संस्कृति विभाग की स्थापना में स्व. प्रार्थी का विशेष योगदान रहा है। मुख्यातिथि रमेश शर्मा ने कहा कि स्व. लालचंद प्रार्थी के प्रदेश की संस्कृति को सहेजने में दिए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

वयोवृद्ध साहित्यकार तोबदन ने कहा कि प्रार्थी की पुस्तक कुल्लू के प्राचीन इतिहास पर प्रकाश डालती है। प्रदेश विश्वविद्यालय में डॉ यशवंत सिंह परमार पीठ के अध्यक्ष डा. ओम कुमार शर्मा ने बताया कि उनके सपनों को साकार करते हुए पहाड़ी भाषा और लिपियों पर आगामी सत्र से 30 विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर डा. कृष्ण मोहन पांडे, सत्यपाल भटनागर, हीरालाल ठाकुर, ज्ञान चंद चंबयाल, धर्मेंद्र शर्मा, प्रार्थी के पुत्र योगेश प्रार्थी, शिक्षा संस्कृति न्यास के संयोजक डा. नंदलाल शर्मा, भाषा एवं संस्कृति अधिकारी सुनीला ठाकुर, देवराज त्यागी, दीपक चंर्द, देवेंद्र गौड़, डा. दयानंद गौतम, देवराज शर्मा मौजूद रहे।

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