हिमाचल प्रदेश: लाहुल स्‍पीत‍ि में जमकर बर्फबारी, टूटा 63 साल का रिपकॉर्ड

ह‍िमाचल प्रदेश के लाहुल स्‍पीत‍ि में स‍ितंबर माह में हुई बर्फबारी ने 63 साल का रिकाॅर्ड तोड़ दिया है।

By Munish Kumar DixitEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 04:49 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 09:16 AM (IST)
हिमाचल प्रदेश: लाहुल स्‍पीत‍ि में जमकर बर्फबारी, टूटा 63 साल का रिपकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश: लाहुल स्‍पीत‍ि में जमकर बर्फबारी, टूटा 63 साल का रिपकॉर्ड

मनाली [जसवंत ठाकुर]: ह‍िमाचल प्रदेश के लाहुल स्‍पीत‍ि में स‍ितंबर माह में हुई बर्फबारी ने 63 साल का रिकाॅर्ड तोड़ दिया है। समस्त घाटी में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे आलू व सेब की खेती को नुकसान पहुंचा है। हालांकि 1989 में भी सिंतबर महीने में बर्फबारी हुई थी लेकिन उस समय बर्फ कम पड़ी थी, लेकिन 1955 सितंबर में हुई भारी बर्फबारी से सैंकड़ों भेड-बकरी, घोड़े और कई लोगों की जानें गई थी। इस बार भी हालात 1955 जैसे हो गए हैं। बर्फबारी से लाहुल-स्पीति में सैंकड़ों लोगों सहित भेड-बकरी घाटी में फंस गई हैं।

हालांकि मौसम खुलने से राहत की उम्मीद जगी है लेकिन हवाई सेवा ही इन फंसे लोगों को जीवन दान दे सकती है। लाहुल घाटी के किसान दोरजे और टशी ने बताया कि कोकसर, सिसु, दारचा, जिस्पा, नैनगार जैसे दुर्गम क्षेत्रों में 4 फुट बर्फबारी हुई है। उन्होंने बताया कि आलू की फसल बर्फ में दब गई है जबकि सेब की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। सेब के अधिकतर पेड़ बर्फबारी से टूट गए है। ग्रामीण पलजोर व अंगरूप ने बताया कि 1955 में भी सिंतबर महीने में हुई अचानक बर्फबारी से इसी तरह के हालात पैदा हुए थे और लाहुल घाटी में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था।

उन्होंने बताया कि जिंगजिंबार, पटसेउ, भरतपूर सीटी जैसी जगह में शरण लेने वाले लोगों को शीघ्र हवाई सेवा नहीं मिली तो उनकी जिंदगी खतरे में पड सकती है। केलंग एसडीएम अमर नेगी ने बताया कि हालात पर नजर रखी जा रही है। मौसम खुलते ही कुछ लोगों को रोहतांग टनल द्वारा मनाली भेजा गया है। उन्होंने बताया कि जिंगजिंगबार और पटसेउ सहित दुर्गम क्षेत्रों में फंसे लोगों को हवाई सेवा द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है।

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