कुल्लू दशहरा में इस बार देवी-देवताओं को नहीं मिलेगा नजराना
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संवाद सहयोगी, कुल्लू : अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में इस बार देवी-देवताओं को नजराना नहीं मिलेगा और न ही व्यावसायिक गतिविधियां होंगी। सिर्फ धार्मिक परंपरा का निर्वहन होगा। कारोबार के लिए स्थानीय व्यापारियों को तरजीह मिलेगी। वह भी पारंपरिक व्यंजन व उत्पाद ही बेच पाएंगे। पिछले साल के मुकाबले इस साल देव समागम बड़ा होगा। कितने देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा इस पर अभी कोई राय नहीं बन पाई है। न ही कोई अंतिम फैसला हुआ है। जिला कारदार संघ ने सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण देने की मांग की है।
दशहरा पर्व में हर साल करीब 300 देवी-देवता शिरकत करते हैं। नजराना राशि देवी-देवताओं के रुतबे व दूरी के हिसाब से मिलती है। करीब 70 से 80 लाख नजराना राशि दी जाती है। तहबाजारी व दुकानें लगाने के लिए ढालपुर मैदान की नीलामी से जिला प्रशासन को होने वाली आय से नजराना दिया जाता है। कोविड के चलते इस साल भी व्यावसायिक गतिविधियां न करने का निर्णय लिया है। ऐसे में ढालपुर मैदान की नीलामी नहीं होगी। दशहरा उत्सव के आयोजन को लेकर मंगलवार को शिक्षा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविद ठाकुर की अध्यक्षता में जिला परिषद कुल्लू के सभागार में आयोजन समिति की बैठक हुई। दशहरा उत्सव 15 से 21 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। बैठक में कोविड-19 के बीच उत्सव का स्वरूप कैसा हो इस मंथन किया गया। जाएगा।
गोविद ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 10 दिन के अंदर शिमला में बैठक होगी। उत्सव के आयोजन को लेकर सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। स्थानीय व्यापारियों को दी जाए तरजीह
कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि दशहरा उत्सव का आयोजन पूर्व की तरह ही किया जाना चाहिए। इसमें स्थानीय व्यापारियों को तरजीह देनी चाहिए। कुल्लू के 99 प्रतिशत लोग चाहते हैं इस बार दशहरा उत्सव हो। 25 को अटल सदन में होगी बैठक
जिला के देवता दशहरा उत्सव में भाग लेंगे और उनके लिए किस प्रकार की व्यवस्थाएं की जानी हैं इस पर अलग से मंथन होगा। इसके लिए आगामी 25 सितंबर को तीन बजे अटल सदन कुल्लू में बैठक होगी। बैठक में जिले के सभी विभागाध्यक्ष भाग लेंगे। दो साल से ठप है कारोबार
जिला परिषद के अध्यक्ष पंकज परमार ने कहा कि दो साल से व्यापारियों का कारोबार चौपट हुआ है। दशहरा उत्सव में स्थानीय उत्पादों के स्टाल लगाए जा सकते हैं। इससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी और दशहरा के आयोजन के लिए धनराशि भी जुटाई जा सकती है। सभी देवी-देवताओं का बुलाया जाए
जिला कारदार संघ के अध्यक्ष जयचंद ठाकुर और दानवेंद्र सिंह ने कहा कि जिला के समस्त देवी-देवताओं को बुलाया जाना चाहिए। दशहरा उत्सव में इस बार देवी-देवताओं को नजराना नहीं मिलेगा। सिर्फ धार्मिक परंपरा का निर्वहन ही होगा।
-आशुतोष गर्ग, उपायुक्त कुल्लू।