दशहरा उत्सव में सोने का श्रृंगार कर पहुंचते हैं देवी-देवता

देव महाकुंभ में शामिल होने के लिए जिले के देवी-देवता सोने का श्रृंगार करके आएंगे। आम दिनों में देवी-देवता चांदी के गहने पहनते हैं। जिला प्रशासन ने 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 10:38 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 10:38 PM (IST)
दशहरा उत्सव में सोने का श्रृंगार कर पहुंचते हैं देवी-देवता
दशहरा उत्सव में सोने का श्रृंगार कर पहुंचते हैं देवी-देवता

संवाद सहयोगी, कुल्लू : देव महाकुंभ में शामिल होने के लिए जिले के देवी-देवता सोने का श्रृंगार कर कुल्लू पहुंचेंगे। आम दिनों में देवी-देवता चांदी का श्रृंगार करते हैं। इस वर्ष भी जिलेभर से देवी-देवता दशहरा उत्सव में भाग लेंगे। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव 15 से 21 अक्टूबर तक मनाया जाएगा।

आनी व निरमंड से दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए करीब 200 किलोमीटर दूर से देवता पहुंचते हैं। इसके लिए जिला भर के देवी देवता सजना शुरू हो गए हैं। दशहरा उत्सव में देव मिलन की अनूठी परंपरा वहन होती है। इस बार प्रशासन ने दशहरा उत्सव के लिए 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया है। इसमें आनी निरमंड के देवी देवता भी भाग लेंगे।

इस दौरान देवताओं के रास्ते में कई पड़ाव होते हैं। देवी-देवता कारदार संघ के आनी के प्रधान भागे राम राणा ने बताया कि इन दिनों देवताओं के कारकून देवताओं के मुख, छत्र, मालाएं, हार श्रृंगार को सजाने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि हर वर्ष आनी निरमंड से ब्यास ऋषि, खुडीजल, कोट भझारी, टकरासु नाग, चोतरू नाग, निरमंड से देवता चंभू देउगी, देवता चंभू कशोली, देवता चंभू रंदल, दुराह की देवी, देवता थंथल, सप्तऋषि, वाली माता आदि देवता दशहरा में भाग लेते हैं इस बार भी देवता भाग लेंगे। हालांकि संख्या कितनी होगी यह कुछ कहा नहीं जा सकता है। दशहरा उत्सव में सोने की सजावट कर देवता अनूठा श्रृंगार कर कुल्लू पहुंचते हैं। दशहरे के दौरान देवताओं के साथ आए कारकूनों को खाने-पीने व रहने की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। निरमंड और आनी इलाके से 12 अक्टबूर को देवी देवता रवाना हो जाते हैं। सैकड़ों देवी-देवताओं के पहुंचने की उम्मीद

इस बार प्रशासन ने 332 देवी-देवताओं को आमंत्रित भेजा है। ऐसे में क्यास लगाए जा रहे हैं कि इस बार बैठने को लेकर काफी गहमागहमी हो सकती है। वर्ष 2016 में 292 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा था। इसमें से मात्र 220 देवी-देवता ने भाग लिया था। नए देवताओं के आने की ज्यादा उम्मीद इस बार है। दशहरा उत्सव में भाग लेने वाले सभी देवी-देवताओं के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गई है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पहले ही अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

-आशुतोष गर्ग, उपाध्यक्ष दशहरा उत्सव समिति एवं उपायुक्त कुल्लू।

chat bot
आपका साथी