राष्ट्रीय शिक्षा नीति समाज में लाएगी बड़ा बदलाव : गोविद

जागरण संवाददाता मनाली शिक्षा मंत्री गोविद ठाकुर ने कहा कि 1857 के विद्रोह को पहला स्वतंत्र

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 04:04 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 04:04 PM (IST)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति समाज में 
लाएगी बड़ा बदलाव : गोविद
राष्ट्रीय शिक्षा नीति समाज में लाएगी बड़ा बदलाव : गोविद

जागरण संवाददाता, मनाली : शिक्षा मंत्री गोविद ठाकुर ने कहा कि 1857 के विद्रोह को पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है जब अंग्रेजी हुकुमत को देश से उखाड़ फेंकने का संकल्प आरंभ हुआ था। यह निश्चित तौर पर ऐसी लोकप्रिय क्रांति थी जिसमें भारतीय शासक, जनसमूह, किसान और नागरिक सेना शामिल थी। शिक्षा मंत्री रविवार को मनाली में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना समिति हिमाचल प्रदेश, भारतीय अनुसंधान परिषद दिल्ली और इतिहास शोध संस्थान नेरी द्वारा हिमाचल कला, संस्कृति भाषा अकादमी के तत्वाधान में मनाली में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत हिंद स्वराज 1857 से 1947 तक का संघर्ष विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

गोविद ठाकुर ने कहा कि आजादी के इतिहास को जानना भावी पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है और इसे जानने के लिए एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था का होना जरूरी है जिसमें भारतीय संस्कार, भारतीय ज्ञान और पूरी तरह से भारतीयता का समावेश हो।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक सांस्कृति नीति लाई है जिसमें अनेकों बुद्धिजीवियों का सहयोग और सुझाव लेकर इसमें महापुरुषों के विचारों को सम्मिलित किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा नीति बच्चों को ऐसा वैश्विक ज्ञान देने की ताकत रखती है जिससे भारत वैश्विक ज्ञान का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि लार्ड मैकाले ने भारत के लिए जो शिक्षा नीति लाई थी वह गुलाम बनाने की नीति थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लाया है जिसे लागू करना हम सभी की जिम्मेदारी है।

मुख्य वक्ता के रूप में डा. चेत राम ने भी भारत की आजादी के गौरवमयी इतिहास की जानकारी दी। लेखक व साहित्यकार डा. सुरत ठाकुर ने कुल्लू जिला के योगदान का उल्लेख किया। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर, महिला मोर्चा मनाली अध्यक्ष जिदु ठाकुर, एसडीएम डा. संदीप ठाकुर व अन्य मौजूद रहे।

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