दीपक से रोशन हुआ बाईधार, सस्ते दामों में तैयार कर दी इतने काम की चीजें

बाईधार के दीपक ठाकुर ने अपने ज्ञान से सस्ते दामाें में ऐसी अत्याधुनिक मशीनरी तैयार की है जिनसे पूरे क्षेत्र के बागवानों का काम आसान हो गया।

By BabitaEdited By: Publish:Mon, 10 Dec 2018 01:02 PM (IST) Updated:Mon, 10 Dec 2018 01:02 PM (IST)
दीपक से रोशन हुआ बाईधार, सस्ते दामों में तैयार कर दी इतने काम की चीजें
दीपक से रोशन हुआ बाईधार, सस्ते दामों में तैयार कर दी इतने काम की चीजें

कुल्लू, दविंद्र ठाकुर। लोग सुविधाओं के लिए सरकारी तंत्र को कोसते हैं। लेकिन आनी के दुर्गम क्षेत्र बाईधार के दीपक ठाकुर को सरकार से कभी शिकायत नहीं रही। जो जरूरत महसूस हुई, वही चीज सस्ते दाम में तैयार कर दी। इससे आज उनका ही नहीं, पूरे क्षेत्र के बागवानों का काम आसान हो गया। 

41 वर्षीय दीपक ने न तो इंजीनियरिंग की है, न ही विज्ञान की पढ़ाई। वह कला में स्नातक हैं। उनका गांव सड़क सुविधा से वंचित है। उनको बागवानी सहित अन्य कार्यों में जितनी जटिलता आई, अपनी इनोवेटिव सोच से मशीनें तैयार कर सुगम कर दिया। पुरानी मशीनें देखकर तैयार कर रहे हैं। दीपक ने अब प्रदूषणमुक्त तंदूर बनाया है। यह तंदूर पांच मिनट के लिए धुआं छोड़ता है। इसके बाद धुआं नहीं निकलता। तंदूर बंद होने के बाद दो घंटे तक कमरे को गर्म रखता है। चाहे माइनस तापमान ही क्यों न हो। ताजा हवा के लिए इसमें पाइप लगाया गया है। इसको बनाने में लगभग 15 हजार रुपये का खर्च आया है, बाजार में इसकी कीमत करीब 70 हजार है। अब वह स्प्रे मशीन और वुड चिपर तैयार कर रहे हैं। 

 

भूकंपरोधी मकान में सिंचाई के लिए जोड़ा जाएगा पानी 

दीपक भूकंपरोधी मकान बना रहे हैं। मकान में आधुनिक यंत्र लगेंगे जो सर्दियों में घर को गर्म और गर्मियों में ठंडा रखेंगे। मकान की छत पर पानी को सिंचाई के लिए एकत्र किया जा सकेगा। मकान के दरवाजे और खिड़कियां सेंसर बटन से खुलेंगे। यह तीन मंजिला मकान 2019 में तैयार हो जाएगा। 

तीन लाख में तैयार की आधुनिक तकनीक वाली जेसीबी 

दीपक ने सेब के रूट स्टॉक लगाने के लिए वर्ष 2006 में जेसीबी बनाई। जेसीबी में हाइड्रोलिक सिलेंडर, हाइड्रोलिक पंप, आठ हॉर्स पावर इंजन और कबाड़ के सामान का इस्तेमाल किया है। इस पर मात्र तीन लाख खर्च आया है।

दिन में तीन लीटर पेट्रोल खर्च करता है ऑल टेरेन व्हीकल 

कबाड़ से ऑल टेरेन व्हीकल वर्ष 2005 में तैयार किया है। इसके लिए 25 हजार रुपये का इंजन और 12 हजार रुपये का कबाड़ खरीदा। इसमें सेब के 11 क्रेट्स ढोए जा सकते हैं। यह दो से तीन लीटर पेट्रोल की खपत से दिन भर काम करता है।

 

11 लाख खर्च कर वर्ष 2002 में बनाया रोपवे 

दीपक ने वर्ष 2002 में करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले रोपवे का निर्माण मात्र 11 लाख में किया है। यह एक किलोमीटर लंबा है और इसमें पहले 40 ट्रालियां लगाई गई थीं। अब इसमें दो ट्रालियां चलती हैं। इसमें और भी ट्रालियां जोड़ी जा सकती हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक और गियर बाक्स से चलता है। 

बचपन में मां-बाप व दूसरे लोगों को पीठ पर सामान ढोते देखता था तो विचार आया कि क्यों न कुछ किया जाए। इसी सोच को लेकर आगे बढ़ रहा हूं और बागवानों का काम आसान कर रहा हूं। 

-दीपक ठाकुर, बाईधार, कुल्लू 

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