अटल टनल रोहतांग ने रोका लाहुल के लोगों का पलायन
अटल टनल रोहतांग ने सर्दियों में होने वाले लाहुल के लोगों के पलायन पर रोक लगा दी है।
जसवंत ठाकुर, मनाली
अटल टनल रोहतांग ने सर्दियों में होने वाले लाहुल के लोगों के पलायन पर रोक लगा दी है। लाहुल घाटी के लोगों में आजकल रोहतांग दर्रे के बंद होने का डर रहता था। लोग डर के माहौल में खेतों के काम समेटने में जुटे होते थे, लेकिन अटल टनल रोहतांग के बनने के बाद आज लाहुलियों को न बादलों का डर है और न ही रोहतांग के बंद होने का।
आजकल लाहुल घाटी में सेब का कार्य चरम पर चला हुआ है। बाहरी राज्यों के कारोबारी दर्रा अचानक बंद होने के डर से कामगार नहीं लाते थे लेकिन इस बार कारोबारियों ने कामगार बाहर से लाए हैं। इससे लाहुल के लोगों को मदद मिली है। घाटी के बागवान व किसान दोरजे, टशी, पलजोर व दीपक ने बताया कि नवंबर शुरू होते ही लाहुल के लोगों को रोहतांग दर्रे के बंद होने की चिता सताने लगती थी। साथ ही छह महीने के लिए अपनों से बिछुड़ने का दर्द झेलना पड़ता था। इन दिनों लोग कुल्लू का रुख करना शुरूकर देते थे लेकिन अटल टनल ने लोगों की इन सभी दिक्कत का समाधान कर दिया है। अब सर्दियों में कुल्लू पलायन करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम रह गई है।
लाहुल के इतिहासकार मोहन लाल ने बताया कि वे स्वयं नवंबर में कुल्लू पलायन कर जाते थे लेकिन टनल बनने के बाद बर्फबारी के दिनों को छोड़कर घाटी साल भर मनाली से जुड़ रही है। उन्होंने बताया कि सेब की फसल समेटने में पहले कामगारों की समस्या होती थी। बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि सर्दियों में भी लाहुल घाटी में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रखने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।