बेसहारा पशु बने परेशानी का सबब
संवाद सहयोगी बंजार प्रदेश में अब तक बेसहारा पशुओं की समस्या सरकार के लिए गंभीर बनी हु
संवाद सहयोगी, बंजार : प्रदेश में अब तक बेसहारा पशुओं की समस्या सरकार के लिए गंभीर बनी हुई है। हालांकि सरकार ने जिला प्रशासन को इसके लिए उचित दिशा निर्देश भी जारी किए हैं लेकिन इसके बावजूद भी शहरों व कस्बों में समस्या कम होती दिखाई नहीं दे रही है। इस पर न तो प्रशासन और न ही स्थानीय नेता कोई प्रयास कर रहे हैं। ऐसा ही मामला बंजार उपमंडल के नगर पंचायत क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। यहां पर मुख्य बाजार में प्रतिदिन पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। इतना ही नहीं पशु कभी किसी की दुकान से सामान चट कर रहे हैं तो कभी वाहन चालकों के लिए हादसे का कारण बन रहे हैं। इसके लिए अभी तक न तो नगर पंचायत कोई योजना बना पाई है न ही स्थानीय प्रशासन। ऐसे में यह समस्या विकराल रूप धारण कर रही है।
यहां पर बेसहारा पशुओं की वजह रोजाना महिलाओं की आपस में बहस शुरू हो जाती है। पुराने बस अड्डे से शाम होते ही महिलाएं डंडे लेकर बेसहारा पशुओं को नए बस अड्डे की और भेजती है जबकि नए बस अड्डे की महिलाएं रोजाना इसी क्रम में इन्हें वापस भेज देती है।
समस्या विकराल होने के बावजूद बंजार में अभी तक गोसदन का निर्माण ही नहीं हो पाया है। बंजार के शलेरा में एक गोसदन बनाया गया था लेकिन वह भी सुविधा न होने के चलते अभी तक बंद पड़ा हुआ है। इसके अलावा जलोड़ी जोत, सोझा गाड़ागुशैणी, बाहू, सैंज, बस स्टैंड, बंजार, सब्जी मंडी, जिभी, मंगलौर के साथ अनेक जगह पर बेसहारा पशु दिखाई देते हैं।
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नगर पंचायत बंजार में गोसदन की अभी तक कोई भी व्यवस्था नहीं है। नगर पंचायत बेसहारा पशुओं के लिए जगह की तलाश कर रही है अगर जगह मिलती है तो व्यवस्था की जाएगी।
-आशा शर्मा, अध्यक्ष, नगर पंचायत बंजार।