मोटरसाइकिल फिसलने से युवक की मौत

संवाद सूत्र भरमाड़ जवाली के तहत फारियां-करडियाल मार्ग पर बुधवार को मोटरसाइकिल के फिसलने से युवक की मौत हो गई। मृत युवक की पहचान 20 वर्षीय अविनाश चौधरी पुत्र शिवराज चौधरी निवासी बनाड़ा के रूप में हुई है। अविनाश फारियां की ओर आ रहा था कि अचानक बाइक फिसल गई। गंभीर रूप से घायल हुए युवक को लोग अस्पताल ले जा रहे थे कि रास्ते में ही मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया है। डीएसपी जवाली सिद्धार्थ शर्मा इस बाबत पुष्टि की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Nov 2021 02:08 AM (IST) Updated:Thu, 04 Nov 2021 02:08 AM (IST)
मोटरसाइकिल फिसलने से युवक की मौत
मोटरसाइकिल फिसलने से युवक की मौत

संवाद सूत्र, भरमाड़ : जवाली के तहत फारियां-करडियाल मार्ग पर बुधवार को मोटरसाइकिल के फिसलने से युवक की मौत हो गई। मृत युवक की पहचान 20 वर्षीय अविनाश चौधरी पुत्र शिवराज चौधरी निवासी बनाड़ा के रूप में हुई है। अविनाश फारियां की ओर आ रहा था कि अचानक बाइक फिसल गई। गंभीर रूप से घायल हुए युवक को लोग अस्पताल ले जा रहे थे कि रास्ते में ही मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया है। डीएसपी जवाली सिद्धार्थ शर्मा इस बाबत पुष्टि की है।

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संसाल में भालू के हमले से व्यक्ति घायल

संवाद सहयोगी, बैजनाथ : उपमंडल बैजनाथ के तहत संसाल के ऊपरी क्षेत्रों में भालू के हमले नहीं थम रहे हैं। बुधवार सुबह थाथी गांव में भालू के हमले में एक और व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यहां तीन दिन में भालू का यह दूसरा हमला है और इससे लोगों में दहशत है।

बुधवार सुबह गांव का लुहारू राम जंगल में गया था कि भालू ने उस पर हमला कर दिया। उसे गंभीर हालत में बैजनाथ अस्पताल ले जाया गया है। इससे पूर्व तीन दिन पहले भी इसी गांव में भालू के हमले में एक और व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था। संसाल के पूर्व प्रधान कुलदीप कुमार ने बताया कि यहां पिछले कुछ समय से लगातार एक ही भालू की ओर से हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में बार-बार वन विभाग को भी अवगत करवाया गया है लेकिन भालू को कहीं दूर नहीं भगाया जा सका है। आज एक बार फिर एक और व्यक्ति को भालू ने गंभीर रूप से घायल किया है। इस गांव में अब तक भालू के 10 से भी अधिक हमला करने के मामले सामने आ चुके हैं। पूर्व प्रधान ने बताया कि इससे गांव के लोगों में दहशत है, क्योंकि जिस रास्ते पर हमले हो रहे हैं, उसी से गांव के बच्चे भी पैदल स्कूल जाते हैं। ऐसे में वन विभाग को इस संदर्भ में पहल करनी चाहिए।

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