उधार पैसे लेकर कसरत कर रहे पलहवान, दंगल न होने से रोजी-रोटी पर भी संकट, सरकार से लगाई गुहार
Wrestler Practice Through Borrowed Money दंगल न होने के कारण आर्थिक तौर पर कमजोर पहलवानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वहीं दो बार कॉलेज से गोल्ड मेडलिस्ट हिमाचल कुमार गंगथ कुमार रह चुके जसप्रीत सिंह कालू ने अपनी व्यथा बताई है।
मुकेश सरमाल, भदरोआ। Wrestler Practice Through Borrowed Money, दंगल न होने के कारण आर्थिक तौर पर कमजोर पहलवानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वहीं दो बार कॉलेज से गोल्ड मेडलिस्ट हिमाचल कुमार गंगथ कुमार रह चुके जसप्रीत सिंह कालू ने अपनी व्यथा बताई है। उन्होंने कहा पिछले डेढ़ वर्षों से वह खुराकें खाकर सिर्फ अपने अखाड़े में मेहनत ही कर रहे हैं, किंतु किसी भी प्रकार के दंगल न होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है तथा उन्होंने बताया वह और उनके भाई पिछले कुछ महीने पंजाब के सबसे बड़े कोहाली अखाड़े में मेहनत लगा कर आए हैं। जिसका फायदा उनको बिल्कुल भी नहीं मिल रहा, क्योंकि पहलवान कालू, छोटू, बॉबी, काका, राजू, पारू, रोहित, शब्बू और नमन का कहना था कि हमारी मेहनत तभी रंग लाती है अगर हमें अखाड़ों में अपनी कुश्ती का जौहर दिखाने का मौका मिले।
उन्होंने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा पिछले डेढ़ वर्षों में एक बार भी उनका दंगल कहीं नहीं हुआ। जिस कारण आर्थिक रूप से एकदम से टूट चुके हैं तथा दूसरी तरफ उन्होंने सरकार के सामने गुहार लगाते हुए यह कहा अगर आप किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं कर सकते हैं तो कृपया दंगल शुरू कर दिए जाएं। सभी पहलवानों ने सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए यह कहा कि अगर सरकार चुनाव करवा सकती है तो हम जैसे स्पोर्ट्स पर्सन और पहलवानों के लिए क्यों कुछ नहीं कर सकती।
वहीं, उन्होंने खेलों इंडिया का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था कि खेलो इंडिया को बढ़ावा देंगे जिसमें हर एक लेवल के पहलवान चाहे किसी भी स्पोर्ट्स के खिलाड़ी हो उनको आगे लाया जाएगा। उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाएगा। लेकिन हालत उलटा बदतर हो गए हैं। कालू पहलवान ने बताया अगर इसी प्रकार से चलता रहा तो उनको पहलवानी छोड़कर अपनी रोजी रोटी के लिए कोई और काम करना पड़ेगा।
वहीं ओबीसी सेल ब्लॉक कांग्रेस के प्रधान रणधीर सिंह तीरा ने कहा कि सरकार को इन पहलवानों की ओर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि दो वर्ष से लगातार घरों से पैसे लेकर खुराके खाकर अखाड़े में मेहनत मार रहे हैं और अब तो खुराकें खाने के लिए पैसे तक नहीं बचे हैं। ऐसे में बिना पैसे से वह अखाड़े में कैसे मेहनत करें। सरकार को जल्द ही दंगल करवाने की भी नोटिफिकेशन कर देनी चाहिए।