धौलाधार की पहाडि़यों में धर्मशाला व मैक्‍लोडगंज ही नहीं अब ये पर्यटन स्‍थल भी बने पर्यटकों की पसंद

Dharamshala and Mcleodganj Tourism पर्यटन नगरी धर्मशाला के अलावा जिला कांगड़ा में और भी कई रमणीक स्‍थल हैं। मैक्लोडगंज भागसूनाग व नड्डी से हटकर कुछेक ऐसे स्थल हैं जो पर्यटन दृष्टि से नए विकसित हुए हैं और पर्यटक यहां पर जाना पसंद कर रहे हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 06:18 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 07:45 AM (IST)
धौलाधार की पहाडि़यों में धर्मशाला व मैक्‍लोडगंज ही नहीं अब ये पर्यटन स्‍थल भी बने पर्यटकों की पसंद
पर्यटन नगरी धर्मशाला के अलावा जिला कांगड़ा में और भी कई रमणीक स्‍थल हैं।

धर्मशाला, राजेंद्र डोगरा। Dharamshala and Mcleodganj Tourism, पर्यटन नगरी धर्मशाला के अलावा जिला कांगड़ा में और भी कई रमणीक स्‍थल हैं। मैक्लोडगंज, भागसूनाग व नड्डी से हटकर कुछेक ऐसे स्थल हैं जो पर्यटन दृष्टि से नए विकसित हुए हैं और पर्यटक यहां पर जाना पसंद कर रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं धर्मशाला के निकटवर्ती गांव खनियारा, थातरी, खड़ोता की यहां पर पर्यटकों ने अपने पैर पसार दिए हैं। ट्रैकिंग व टेंट में यहां रहना पसंद कर रहे हैं। अब मैक्लोडगंज घूमने आने वाले पर्यटक इन स्थानों पर भी जा रहे हैं। इसके साथ ही करेरी झील भी पर्यटकों की पहली पसंदीदा जगह बनी हुई है। ट्रैकिंग के शौकीन करेरी लेक सहित त्रियुंड जाना पसंद कर रहे हैं। दूर दराज से आने वाले पर्यटक अब इन स्थानों को भी जा रहे हैं और यहां पर कुछ समय अपने परिवार के साथ एकांत में बिता रहे हैं।

इसके अलावा पर्यटकों के आकर्षण स्थलों में धौलाधार की तलहटी में स्थित धर्मशाला व मैक्लोडगंज सहित पालमपुर, बीड़-बिलिंग, धार्मिक नगरी कांगड़ा, ज्वालामुखी, श्री चामुंडा, पौंग बांध, राक टेंपल मसरूर सहित कई ऐसे स्थान हैं जहां पर्यटक ज्यादातर घूमना पसंद करते हैं।

महामारी ने प्रभावित किया कारोबार

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस आने के साथ ही पहाड़ पर पर्यटन कारोबार भी प्रभावित हुआ है। आलम यह है कि हिमाचल के जिला कांगड़ा में हर वर्ष लाखों में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या अब हजारों में सिमट कर रह गई है। हालांकि इस वर्ष जरूर अभी तक सवा लाख के करीब पर्यटक पहुंचे हैं, लेकिन इसका ज्यादा लाभ मिनी ल्हासा यानी मैक्लोडगंज व धर्मशाला के होटलियरों सहित इस उद्योग से सीधे या किसी न किसी रूप में जुड़े लोगों को नहीं मिल पाया है।

22 लाख से ज्‍यादा पर्यटक पहुंचते थे

पिछले तीन वर्षों की बात की जाए तो वर्ष 2019 में 22 लाख, 26 हजार, 897 पर्यटक जिला कांगड़ा के विभिन्न पर्यटन स्थलों में पहुंचे थे। लेकिन वर्ष 2020 में पर्यटक सीजन शुरू होने से पहले मार्च माह के दूसरे पखवाड़े में ही देशभर में वैश्विक महामारी के चलते लाकडाउन लग था। जिस कारण करीब छह माह तक होटलों के बंद रहे थे और जून माह में पुन: पर्यटन गतिविधि शुरू हो पाई थी। लेकिन कोरोना के डर के चलते बहुत ही कम पर्यटकों ने पहाड़ का रुख किया था।

वर्ष 2020 में कुल 73 हजार, 678 के करीब पर्यटक जिला कांगड़ा के विभिन्न पर्यटन स्थलों में पहुंचे। वहीं बात की जाए वर्ष 2021 की तो अभी पर्यटन कारोबार ने गति ही पकड़ी थी कि मई में पुन: कोरोना कर्फ्यू लग गया। जिसके बाद जून माह में पर्यटन गतिविधियां शुरू तो हुईं, लेकिन ज्यादातर होटल संचालकों ने अपने होटल संक्रमण से बचाव के चलते बंद ही रखे। इसके बाद जुलाई में मैदानी क्षेत्रों भीषण गर्मी के कारण पर्यटकों ने पहाड़ का रुख किया भी, लेकिन 12 जुलाई को बरपे कुदरत के कहर और भागसूनाग नाले का जल बहाव बदलने से बाजार में पानी घुसने के कारण पर्यटन गतिविधियां फिर से ठप होकर रह गईं। जुलाई और अगस्त में पर्यटकों की संख्या बेशक ज्यादा रही, लेकिन इसका लाभ मैक्लोडगंज क्षेत्र के होटल संचालकों को ज्यादा नहीं मिल पाया।

ये स्थान हैं ज्यादातर पर्यटकों के आकर्षण

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला अध्यक्ष अश्वनी बांबा पर्यटकों के आकर्षण स्थलों में धौलाधार की तलहटी पर स्थित मैक्लोडगंज, धर्मशाला, पालमपुर, बीड़-बिलिंग, धार्मिक नगरी कांगड़ा, ज्वालामुखी, श्री चामुंडा, पौंग बांध कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर्यटक ज्यादातर घूमना पसंद करते हैं। कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने पर्यटन कारोबार को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। यही वजह है कि पर्यटकों की संख्या अब बहुत कम यानी न के बराबर रह गई है। कोरोना के कारण अब तक कितना नुकसान हो चुका है ये बताया नहीं जा सकता। लेकिन इसके चलते होटलियर्स के साथ-साथ पर्यटन कारोबार की अन्य गतिविधियों के माध्यम से जुड़े लोग भी प्रभावित हुए हैं। तीसरी लहर ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी, क्योंकि ज्यादातर लोगों की वैक्सीनेशन हो चुकी है। लेकिन इसके लिए सरकार को भी इस दिशा में रोड शो सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करना होगा।

कारोबार पटरी पर लाने के प्रयास

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला स्मार्ट सिटी महासचिव संजीव गांधी कोविड-19 से पर्यटन कारोबार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। अब तीसरी लहर को लेकर भी लोगों में डर है और वह देख रहे हैं कि इससे क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके बाद ही होटलियर व अन्य लोग जो इस उद्योग से किसी न किसी रूप से जुड़े हैं अपने कारोबार को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे।

क्‍या कहता है पर्यटन विभाग

उपनिदेशक पर्यटन विभाग कांगड़ा पृथी पाल सिंह ने कहा कि कोरोना से पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। कोविड से पहले पर्यटकों की संख्या जिला कांगड़ा में ही 20 लाख से ज्यादा रहती थी, लेकिन पिछले वर्ष यह आंकड़ा लाख भी नहीं पहुंच पाया है। मैक्लोडगंज, पालमपुर, बीड़-बिलिंग सहित धार्मिक नगरी कांगड़ा व ज्वालामुखी के साथ अन्य कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां के लोग पर्यटन व्यवसाय पर ही निर्भर हैं।

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