Paragliding Site Bir Billing: वर्ल्‍ड क्‍लास पैराग्‍लाइडिंग साइट में न चिकित्‍सा का इंतजाम, न ही मौसम की जानकारी

Paragliding Site Bir Billing पैराग्लाइडिंग वर्ल्‍ड कप के बाद बिलिंग की जिस टेक आफ साइट को दुनिया की नंबर एक साइट बनाने के दावे किए जाते हैं उसकी हकीकत बेहद खराब है। दुनियाभर में इस साइट का जिस ढंग से प्रचार किया जा रहा है

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 10:52 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:52 AM (IST)
Paragliding Site Bir Billing: वर्ल्‍ड क्‍लास पैराग्‍लाइडिंग साइट में न चिकित्‍सा का इंतजाम, न ही मौसम की जानकारी
जिला कांगड़ा के बीड़ बिलिंग में प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग साइट

बैजनाथ, मुनीष दीक्षित। Paragliding Site Bir Billing, पैराग्लाइडिंग वर्ल्‍ड कप के बाद बिलिंग की जिस टेक आफ साइट को दुनिया की नंबर एक साइट बनाने के दावे किए जाते हैं, उसकी हकीकत बेहद खराब है। दुनियाभर में इस साइट का जिस ढंग से प्रचार किया जा रहा है, उसके मुकाबले यहां पायलटों के लिए कोई सुविधा नहीं है। पायलटों को न तो मौसम की जानकारी उपलब्ध करवाने का कोई प्रावधान है और न ही टेक आफ साइट व लैंडिंग साइट में चिकित्सा व रेस्क्यू टीम का प्रबंध किया जा सका है। रोजाना पायलट अपने ही रिस्क पर उड़ानें भरते हैं। यहां मौसम की जानकारी के अभाव में अक्सर हादसे होते रहते हैं। 

प्रतियोगिताओं के नाम पर बिलिंग से बीड़ तक करोड़ों रुपये अब तक सुविधाओं के नाम पर फूंक दिए गए हैं, लेकिन जिन पायलटों के सहारे बिलिंग दुनिया में चमकी है, उनकी सुविधा के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। बिलिंग में होने वाली पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता के दौरान ही यहां रेस्क्यू, चिकित्सा टीमों व हेलीकाप्टर की व्यवस्था होती है। इसके अलावा अन्य समय यहां से हजारों पर्यटक टेंडम फ्लाइंग करते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है।  

एक कर्मचारी के सहारे बीड़-बिलिंग

बीड़-बिलिंग घाटी में पर्यटन गतिविधियों सहित स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथारिटी की जिम्मेदारी केवल एक कर्मचारी के सहारे है। यही कर्मचारी यह सारी व्यवस्था देखता है। यहां उड़ानें भरने से लेकर लैंडिंग तक की देखरेख के लिए करीब पांच कर्मचारी होना जरूरी है।

पर्यटन विभाग नहीं रखता कोई सरोकार

बीड़-बिलिंग घाटी में रोजाना हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। बावजूद इसके पर्यटन विभाग की यहां पर कोई गतिविधि या उपस्थिति नजर नहीं आती है। वैसे तो बिलिंग रोड में एक पर्यटन सूचना केंद्र है लेकिन यह भी बिना कर्मचारियों के बंद रहता है। केवल यहां होने वाली पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता के दौरान ही पर्यटन विभाग को घाटी की याद आती है।

क्‍या कहते हैं पदाधिकारी व अधिकारी बिलिंग वैली एयरो स्‍पोटर्स सोसायटी के अध्‍यक्ष सतीश अबरोल का कहना है बिलिंग में वल्र्ड कप व प्री वल्र्ड कप के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन सुविधाएं अब भी नहीं हैं। सरकार को यहां रेस्क्यू टीम व चिकित्सा टीम हर समय उपलब्ध करवानी चाहिए। एसडीएम बैजनाथ सलीम आजम का कहना है पायलटों को तुरंत मौसम खराब होने की जानकारी मिल पाए, इसके लिए यहां पर व्यवस्था करवाई जा रही है। तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने का भी प्रबंध किया जाएगा। वन मंडल अधिकारी पालमपुर नितिन पाटिल का कहना है वन विभाग ने यहां मेट बिछाई है ताकि टेक आफ साइट सुरक्षित हो और सुंदर लगे। यहां व्यवस्था बनाना साडा की जिम्मेदारी है। इसके लिए कुछ दिन पहले साडा की बैठक में भी सफाई कर्मचारी को लेकर चर्चा हुई है। पैराग्‍लाडिंग सुपरवाइजर रण विजय कहते हैं बिलिंग में सफाई के लिए कोई स्थायी कर्मचारी नहीं है लेकिन बीच-बीच में हम सफाई करवाते हैं। हालांकि कचरे के निष्पादन के लिए कोई साइट नहीं होने से दिक्कत आ रही है।

टेक आफ प्वाइंट में गंदगी का अंबार

सैकड़ों लोगों को रोजगार देने वाली बिलिंग घाटी में स्थित पैराग्लाइडिंग के टेक आफ प्वाइंट में गंदगी का अंबार है। बीड़ लैंडिंग साइट के आसपास भी कचरा बिखरा रहता है। टेक आफ साइट बिलिंग में लाखों की लागत से वन विभाग की ओर से पायलटों की सुरक्षा के लिए लगाई गई हरे रंग की मैट गोबर से भर चुकी है। बिलिंग में रोजाना 500 से अधिक पायलट उड़ानें भर रहे हैं।

खराब मौसम में भी हो रही उड़ानें

बिलिंग घाटी में कुछ हादसे होने के बावजूद पायलट खराब मौसम में भी उड़ानें भर रहे हैं। ऐसे में यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। मौसम खराब होने के कारण यहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। इसके अलावा बीड़-बिलिंग रोड में पर्यटकों को ले जा रहे कुछ चालक काफी तेज गति से वाहन चला रहे हैं, लेकिन ऐसे वाहन चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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