मंदिरों के कपाट खुलने से फिर लौटेगी रौनक

कोरोना महामारी के कारण 10 मई से कपाट बंद होने से मंदिर सूने हो गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 04:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 04:00 AM (IST)
मंदिरों के कपाट खुलने से फिर लौटेगी रौनक
मंदिरों के कपाट खुलने से फिर लौटेगी रौनक

सुरेश कौशल, योल

कोरोना महामारी के कारण 10 मई से कपाट बंद होने से मंदिर सूने हो गए थे। पहली जुलाई से मंदिर दोबारा खुलने से रौनक लौट आएगी। सरकार के फैसले से बेरोजगारी की मार झेल रहे दुकानदारों के चेहरे पर भी चमक आने लगी है। सरकार ने कोविड-19 नियमों के तहत पहली जुलाई से मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे मंदिरों का खाली खजाना भरेगा और दुकानदारों का भी अच्छा कारोबार होगा।

श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर परिसर व मार्ग पर करीब 100 दुकानें हैं। इसके अलावा मंदिर के आसपास 40 होटल व गेस्ट हाउस हैं। कोरोना के कारण ये पिछले साल से बंद हैं। अब मंदिर के कपाट खुलने से होटल व गेस्ट हाउस के मालिकों और दुकानदारों को आशा की नई किरण जगी है।

::::::::::::::::::::::::::::::::::

मंदिर के कपाट बंद होने से यहां के दुकानदारों को रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। अब सरकार की ओर से मंदिर खोलने के निर्देश देने से दुकानदारों के चेहरे पर चमक आ गई है।

-नामग्याल, दुकानदार सरकार ने मंदिर खोलने का सराहनीय फैसला किया है। इससे मंदिर की आय बढ़ेगी और दुकानदारों का भी अच्छा कारोबार होगा। सभी दुकानदार कोविड नियमों का पालन करें।

-हिमांशु अवस्थी, दुकानदार मंदिर पर दुकानदारों की रोजी रोटी निर्भर है। पिछले साल से कोरोना काल की मार झेल रहे दुकानदारों को अब फिर आशा की किरण जगी है। सरकार ने समय पर उचित फैसला लिया है।

-पंकज कौंडल, दुकानदार 50 दिन से चामुंडा मंदिर परिसर की मार्केट सूनी थी। अब सरकार ने पहली जुलाई से मंदिर खोलने की अनुमति दे दी है। श्रद्धालुओं की आमद से दुकानदारों की रोजी रोटी चल पड़ेगी।

-रघुवीर सरकार के फैसले से मंदिर की आय बढ़ेगी और अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालु भी मां के दर्शन कर सकेंगे। सबको मंदिर में कोविड नियमों का पालन करना चाहिए।

-मनू सूद, न्यास सदस्य, श्री चामुंडा मंदिर सरकार ने मंदिर के कपाट खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। श्रद्धालु मास्क लगाकर मंदिर में आएं और शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन करें।

-अपूर्व शर्मा, मंदिर अधिकारी, श्री चामुंडा मंदिर

chat bot
आपका साथी