13 अप्रैल को आखिर क्‍यों माना जा रहा है शुभ दिन, जानिए 90 साल बाद बन रहे संवत्सर प्रतिपदा संयोग के बारे में

13th April Auspicious Day इस बार 13 अप्रैल को हिंदू नववर्ष के दिन 90 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित लेखराज ने बताया संवत्सर प्रतिपदा के बन रहे इस संयोग में शुभ कार्य लाभदायक रहेगा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 06:55 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 07:36 AM (IST)
13 अप्रैल को आखिर क्‍यों माना जा रहा है शुभ दिन, जानिए 90 साल बाद बन रहे संवत्सर प्रतिपदा संयोग के बारे में
पंडित लेखराज ने बताया 13 अप्रैल को हिंदू नववर्ष के दिन 90 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है।

जोगेंद्रनगर, संवाद सहयोगी। इस बार 13 अप्रैल को हिंदू नववर्ष के दिन 90 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है। संवत्सर प्रतिपदा के बन रहे इस संयोग में शुभ कार्य लाभदायक रहेगा। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित लेखराज ने बताया वृहस्पति, मेष, वृष, कुंभ, मीन राशि को छोड़कर अन्य राशियों में तीव्र गति से सौरमंडल में विचरण करते हैं। जिस कारण संवत्सर प्रतिपदा व विषुवत संक्रांति एक साथ पड़ती है। सनातन धर्म में विवाह, नामकरण, गृहप्रवेश इत्यादि शुभकार्य विक्रम संवत के अनुसार ही होते हैं। कैप्टन लेखराज शर्मा ने बताया 13 अप्रैल को कुछ ऐसे अन्य कार्य भी संपन्न हुए हैं, जिनसे यह दिवस और भी विशेष हो गया।

इस दिन श्री राम और युधिष्ठिर का राज्याभिषेक, मां दुर्गा की साधना के लिए चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिवस, आर्यसमाज का स्थापना दिवस, संत झूलेलाल की जंयती आदि इन सभी विशेष कारणों से भी चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा का दिन विशेष बन जाता है। कैप्टन लेखराज शर्मा का कहना है कि इस बार 13 अप्रैल को शनिदेव मकर राशि में स्वग्रही होकर भोग करेंगे।

धनु राशि उनकी लात तथा कुंभ राशि पर उनकी दृष्टि बनी रहेगी। कर्क राशि पर शनि की दया बने रहेगी। वृष राशि के जातकों को राहु दिगभ्रमित करेगा। इसलिए वृष राशि के जातक राहु का जाप करें। आगामी संवत्सर राक्षस में वृष, कन्या, मकर वर्ष अपैट के साथ ही संवत्सर प्रतिपदा भी अपैट रहेगी। कृतिका, रोहिणी तथा मृगशिरा नक्षत्र में पैदा हुए जातकों पर वामपदा दोष बना रहेगा।

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