वाहन चलाते मोबाइल फोन सुना तो होगा 7500 रुपये जुर्माना

हिमाचल प्रदेश में वाहन चलाते वक्त अब मोबाइल बड़ा अपराध माना जाएगा। पहली बार ऐसा अपराध किया तो न्यूनतम जुर्माना डेढ़ हजार और अधिकतम जुर्माना साढ़े सात हजार होगा। तीन साल के अंदर जुर्म दोहराया तो जुर्माना सीधे 15 हजार लगेगा।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 07:27 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 07:27 PM (IST)
वाहन चलाते मोबाइल फोन सुना तो होगा 7500 रुपये जुर्माना
वाहन चलाते मोबाइल फोन सुना तो होगा 7500 रुपये जुर्माना।

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में वाहन चलाते वक्त अब मोबाइल बड़ा अपराध माना जाएगा। पहली बार ऐसा अपराध किया तो न्यूनतम जुर्माना डेढ़ हजार और अधिकतम जुर्माना साढ़े सात हजार होगा। तीन साल के अंदर जुर्म दोहराया तो जुर्माना सीधे 15 हजार लगेगा। प्रदेश में अब संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो गया है। कैबिनेट में इसे कई माह पूर्व मुहर लग गई थी लेकिन अधिसूचना जारी करने में वक्त लगा। इसमें सरकार ने केंद्रीय पैट्रन से काफी कम दरें तय की हैंं। अगर डीलर, निर्माता ने वाहन की खरीद में कोई गड़बड़ी की तो सीधे एक लाख 15 हजार का जुर्माना लगेगा। अगर अब बिना परमिट के वाहन चलाता हुआ पकड़ा गया तो 15 हजार का जुर्माना होगा। सुरक्षा से जुड़ी सीट बेल्ट न पहनने पर 15 सौ रुपये चुकाने होंगे। हालांकि पहाड़ में इस बेल्ट पर सवाल खड़े हुए हैं, लेकिन अभी देश की तरह हिमाचल में भी यह कानून माना जाएगा। इसमें फिलहाल पहाड़ी राज्य को कोई छूट नहीं है। तय गति से ज्यादा तेज लाइट वाहन चलाया तो न्यूनतम 15 सौ और तीन हजार अधिकतम जुर्माना होगा। मीडियम व्हीकल, यात्री या मालवाहक वाहन तेज गति से चलाया तो न्यूनतम तीन और अधिकतम छह हजार रुपये जुर्माना होगा।

रोगी, दिव्यांग नहीं चलाएंगे वाहन

अगर कहीं दिव्यांग या किसी रोगी ने वाहन चलाया तो पहली बार 15 सौ रुपये चुकाने होंगे और दूसरी बार जुर्माना दोगुना लगेगा। अगर बिना लाइसेंस के वाहन चलाया तो साढ़े सात हजार रुपये देने होंगे। एक्ट में जिसे अपात्र माना गया हो अगर वह वाहन चलाए या लाइसेंस बनाते वक्त कोई तथ्य छिपाए तो 15 हजार का जुर्माना लगेगा। अपात्र व्यक्ति कंडक्टर बनने को लाइसेंस के लिए आवेदन करें या तथ्य छिपाए कर लाइसेंस बनाएं तो 15 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।

बिना टिकट यात्रा करने पर बढ़ा जुर्माना

बिना टिकट यात्रा करने पर पहली बार 750 रुपये चुकाने होंगे। दूसरी बार 2250 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अनाधिकृत व्यक्ति वाहन चलाए तो साढ़े सात हजार का जुर्माना लगेगा।

क्या है दावा

सरकार का दावा है कि एक्ट सड़क हादसों को रोकने में कारगर होगा। मंत्रिमंडल ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 210-ए के तहत दंड/जुर्माने को संशोधित करने के प्रस्ताव के साथ-साथ अधिनियम की धारा-200 के तहत कंपाउंड अपराधों में सक्षम अधिकारियों को जुर्माना लगाने के शक्तियों में संशोधन की भी मंजूरी प्रदान की थी। इस एक्ट के लागू होने से जुर्माने में मौजूदा दरों में डेढ़ गुणा तक का इजाफा हो गया है। हालांकि इस संबंध में परिवहन विभाग ने दो बार प्रस्ताव सरकार को भेजे थे। राज्य सरकार ने भारत सरकार के न्यूनतम प्रविधानों को ही लागू किया है।

केंद्र के अनुसार जुर्माना का प्रावधान

-बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 5000 रुपये, पहले 500 रुपये जुर्माना लगता था।

-बिना पात्रता गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना। पहले 500 रुपये था।

-सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1000 रुपये जुर्माना। पहले 100 रुपये था।

-गलत साइड वाहन चलाने पर 5000 रुपये जुर्माना लगेगा।

-निर्धारित से अधिक गति से हल्के वजन की गाड़ी चलाने पर 1000 व मध्यम गाडिय़ों पर 2000 रुपये जुर्माना। पहले 400 रुपये जुर्माना लगता था।

-खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने पर 5000 रुपये जुर्माना लगेगा। पहले 1000 रुपये था।

-शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना। पहले 2000 रुपये जुर्माना था।

-यात्री वाहन में ओवरलोङ्क्षडग पर प्रति अतिरिक्त यात्री 1000 रुपये जुर्माना।

-एंबुलेंस या आपातकालीन गाड़ी को रास्ता नहीं देने पर पहली बार 10,000 रुपये जुर्माना।

-दोपहिया वाहनों की ओवरलोङ्क्षडग पर 2000 रुपये जुर्माना। तीन माह के लिए लाइसेंस रद। पहले 100 रुपये जुर्माना था।

-बिना बीमा गाड़ी चलाने पर 2000 रुपये जुर्माना। पहले 1000 रुपये था।

गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात करने पर 5000 रुपये जुर्माना। पहले 1000 रुपये था।

-बिना हेलमेट बाइक चलाने पर 1000 जुर्माना और तीन माह के लिए लाइसेंस जब्त। अबतक जुर्माना 100 रुपये ही था।

-ओवरलोडिंग पर 20 हजार व 2000 प्रति टन जुर्माना। पहले 2000 और 1000 प्रति टन था।

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