नई शिक्षा नीति से दिखेगी आधुनिकता

जागरण संवाददाता धर्मशाला नई शिक्षा नीति-2020 हितधारकों के विचार विषय पर प्रदेश केंद्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 08:33 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 08:33 PM (IST)
नई शिक्षा नीति से दिखेगी आधुनिकता
नई शिक्षा नीति से दिखेगी आधुनिकता

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : नई शिक्षा नीति-2020 : हितधारकों के विचार विषय पर प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता धर्मशाला केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने वेबिनार के विषय की सराहना की।

उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति के बल पर हम आधुनिक युग में प्रवेश करेंगे। ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में हमारी प्रगति काफी पहले रुक गई थी। उसके बाद जो यात्रा शुरू हुई वह पश्चिमी ज्ञान-विज्ञान की बैसाखियों पर शुरू हुई। इसमें कोई दोराय नहीं कि ज्ञान-विज्ञान सबका है, लेकिन जिन रहस्यों का उद्घाटन पश्चिम के चिंतकों ने किया है वह उसका भी पेटेंट करना चाहते हैं कि यह ज्ञान उनका है।

इसलिए जब हम अपने ज्ञान-विज्ञान के सहारे दुनिया में प्रवेश करेंगे तो हम यह कह सकेंगे कि यह बैसाखियां भी हमारी हैं ज्ञान विज्ञान भी अपना है, लेकिन इसमें हमारा पेटेंट नहीं है यह सबका है। इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं को फिर से केंद्र में लाने का प्रयास है।

वेबिनार के संयोजक हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनोज कुमार सक्सेना ने विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए मुख्य अतिथियों और वक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि 29 जुलाई काफी महत्वपूर्ण तिथि बन गई है। 1964 और 1986 में भी शिक्षा नीति बनाई गई थी। यह 2020 में आई शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में तीसरा बड़ा उदाहरण है। वर्ष 2015 में इस नीति को बनाने के लिए परामर्श प्रक्रिया शुरू हई थी। इस शिक्षा नीति का उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रणाली में बहुत सारे परिवर्तन लाना है।

उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा कि इस नीति में शिक्षा और शोध की गुणवत्ता को भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ढालने की कोशिश की गई है, जिससे हमारे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने के बजाय देश में ही गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके। इस मौके पर रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के महासचिव डा. पंकज मित्तल, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के कुलपति प्रो. राजकुमार ने भी संबोधित किया।

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