मारंडा में वियदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने किया शस्त्र पूजन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को अपना 97वां स्थापना दिवस मनाया। इसी दौरान पालमपुर नगर के स्वयंसेवकों ने संघ कार्यालय पालमपुर में विजयदशमी उत्सव व स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर शस्त्र पूजन किया। कार्यक्रम में सह प्रांत गोरक्षा प्रमुख वेद का मार्गदर्शन नगर के स्वयंसेवकों को प्राप्त हुआ।
मारंडा,संवाद सूत्र। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को अपना 97वां स्थापना दिवस मनाया। इसी दौरान पालमपुर नगर के स्वयंसेवकों ने संघ कार्यालय पालमपुर में विजयदशमी उत्सव व स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर शस्त्र पूजन किया। कार्यक्रम में सह प्रांत गोरक्षा प्रमुख वेद का मार्गदर्शन नगर के स्वयंसेवकों को प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि हम सात्विक शक्ति के उपासक हैं इसीलिए माता के नवरात्रों के बाद विजयदशमी के दिन संघ की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण है और इसी के तहत संघ समाज को संगठित करने में लगा हुआ है। आज के कार्यक्रम में जिला संघ चालक डा. जगतार गुलेरिया, नगर कार्यवाह सौंकी राम, भारत विकास परिषद प्रांत अध्यक्ष कमल सूद, क्षेत्रीय सचिव मनोज रतन, अरविंद शर्मा, नरेंद्र दीक्षित आदि नगर के लगभग 60 स्वयंसेवकों ने भाग लिया व शस्त्र पूजन किया।
धर्मशाला में किया पथ संचलन
धर्मशाला: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के नेतृत्व में धर्मशाला में पथ संचलन निकाला गया। यह पथ संचलन डिपो बाजार से शुरू हुआ और सिविल लाइन होते हुए डाकघर धर्मशाला में संपन्न हुआ। इस पथ संचलन का उद्देश्य केवल इतना था कि सामाजिक उत्थान के प्रति सभी एकत्रित हों और समाज के विकास में किसी न किसी रूप में सहयोग दें। इस मौके पर आरएसएस के पदाधिकारी व सदस्य भी मौजूद रहे।
तिनबड़: विजयदशमी यानी बुराई पर अच्छाई की जीत के महापर्व पर उपमंडल बैजनाथ के तहत चढियार के भुलाणा में वनवासी रक्षा फाउंडेशन ने विधिवत पूजा अर्चना के साथ शस्त्र पूजन किया और शोभायात्रा निकाली। शस्त्र पूजा का शुभांरभ मंत्रोच्चार के साथ एकल विद्यालय भाग पालमपुर, अंचल जयसिंहपुर, संच चढियार की संच व्यास कथाकार लाजवंती राणा व संच अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने किया। शस्त्र पूजन कार्यक्रम में एकल विद्यालय की आचार्यों श्रेष्ठा, अंजना, नेहा, निशा अरुणा, नेहा लगवाल, अंजू एवं सीमा सहित क्षेत्र के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।