गोबिंदसागर झील से दूर रहने की चेतावनी, बढ़ रहा है कोलडैम का जल स्तर, प्रशासन ने की यह तैयारी

बिलासपुर के कोलडैम से लेकर पंजाब के नंगल तक फैली गोविंदसागर झील के पास जाना इन दिनों खतरे से खाली नहीं है। इस झील पर बने डैम का जल स्तर इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है और दोनों तरफ से जल भराव की स्थिती उतपन्न हो जाती है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 11:45 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 11:45 PM (IST)
गोबिंदसागर  झील से दूर रहने की चेतावनी, बढ़ रहा है कोलडैम का जल स्तर, प्रशासन ने की यह तैयारी
एनटीपीसी कोलडैम हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से छोड़े गए पानी का दृश्य। जागरण

बिलासपुर, सुनील शर्मा। बिलासपुर के कोलडैम से लेकर पंजाब के नंगल तक फैली गोविंदसागर झील के पास जाना इन दिनों खतरे से खाली नहीं है। इस झील पर बने डैम का जल स्तर इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है और जल स्तर बढऩे के बाद दोनों तरफ से जल भराव की स्थिती उतपन्न हो जाती है। ऐसे में इन दिनों इस झील के आसपास भी जाना किसी बड़े खतरे को न्योता देने से कम नहीं है। बिलासपुर शहर के बीचोंबीच स्थित साढूं का मैदान इन दिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण केंद्र बना हुआ है, लेकिन यह लोग खतरे से अज्ञात हैं। लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए उपायुक्त बिलासपुर ने एनटीपीसी के अधिकारियों और जिला आपदा प्रबंधन के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में एनटीपीसी के अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जब भी वह डैम से पानी छोडें तो इसकी जानकारी जिला प्रशासन के साथ साथ किनारों पर मौजूद लोगों तक अनेक माध्यमों से पहुंचनी चाहिए।

गेट से दस लाख लीटर प्रति सैंकेंड आता है डैम का पानी :

कोलडैम बांध परियोजना में जब छह मीटर तक जल का स्तर बढ़ जाता है तो उसे गेट के माध्यम से छोडऩा शुरू किया जाता है। इस दौरान करीब एक हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाता है। इसे अगर हम बारीकी से समझें तो यहां कोलडैम परियोजना के पास छह मुख्य गेट हैं जिनसे पानी को बाहर छोड़ा जाता है। अधिकतर समय दो ही गेट से पानी छोड़ा जाता है और ऐसी स्थिती में यह गेट करीब चार घंटे तक खुले रहते हैं और प्रति सैकेंड करीब दो से तीन लाख लीटर पानी को बाहर छोड़ते हैं। इससे जहां पानी शहर में मौजूद झील की तरफ बढ़ता है वहीं दूसरी ओर भाखड़ा में भी बरसातों के समय जल स्तर बढ़ जाने से डैम का पानी इन्हीं पहाड़ों के बीच जमा होकर बड़ा आकार ले लेता है।

हजारों लोग होते हैं आर पार

गोविंदसागर सागर झील के इस खतरे के बीच भी इन दिनों हजारों लोगों का आना जाना यहां लगा हुआ है। यहां एक से दूसरे छोर के लिए दिन में कई बार बोटें चलती हैं। यहां लोग ऋषिकेश से बिलासपुर और बिलासपुर से ऋषिकेश के लिए सफर करते हैं। इसके साथ ही पर्यटक भी बोट में सैर के लिए निकलते हैं। इतना ही नहीं शहर के ठीक नीचे धौलरां व लुहणु मैदान के निकट इन दिनों शाम व सुबह के समय सैंकड़ों लोग जमा रहते हैं। ऐसे में जल स्तर अचानक बढ़ जाने से यह लोग किसी बड़े खतरे में आ सकते हैं।

10 हूटर और 45 स्थानों पर बोर्ड

एनटीसी के अधिकारियों का कहना है कि कोलडैम बांध परियोजना से लेकर नयनादेवी क्षेत्र तक दस अलग अलग स्थानों पर हूटर लगाए गए हैं। इसके साथ ही 45 स्थानों पर नोटिस बोर्ड लगातार लोगों को दूर रहने बारे चेताया गया है। इसके साथ ही जब पानी को कोलडैम से छोड़ा जाता है तो एक गाड़ी को माइक सिस्टम लेकर सलापड़ पुल से आगे की तरफ भेजा जाता है जो पानी के साथ साथ आगे बढ़ते हुए लोगों को जागरूक करती है ताकि झील किनारे बैठे लोगों को आगाह किया जा सके।

दो गेट चार घंटे तक रहे खुले : प्रवीण भारती

कोलडैम परियोजना के अधिकारी प्रवीण रंजन भारती ने कहा कि सोमवार को करीब चार घंटे तक परियोजना के दो गेट खुले रहे। जोरदार बरसात के बाद डैम का जल स्तर काफी बढ़ गया था। ऐसे में लोगों को आगाह करने के लिए हूटर सिस्टम के साथ साथ माइक वाली गाड़ी से भी आगाह किया गया है। भारती ने बताया कि लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए कुछ नई तकनीकों का सहारा भी लिया जा रहा है, ताकि लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों तक पहुंचाने के बाद ही पानी छोड़ जाए।

वहीं उपायुक्त बिलासपुर ने कहा कि एनटीपीसी व डीडीएमए को हर माह रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसमें कब पानी छोड़ा, कब और किसने हूटर बजाए और इसके अलावा किन किन माध्यमों से लोगों को जागरूक किया गया। इन सब की जानकारी की रिपोर्ट बनाने को कहा गया है। इसके अलावा लोगों तक पानी को छोड़े जाने की सूचना अधिक से अधिक पहुंचे इस तरह के इंतजामों को और दुरूस्त करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।

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