Viral Fever in Chamba : मौसम बदलते ही वायरल फीवर की जकड़ में चंबा के लोग, बच्चे भी आ रहे चपेट में
Viral Fever in Chamba मौसम बदलते ही चंबा जिला के लोगों को वायरल फीवर ने जकड़ लिया है। इनमें अधिकांश बच्चे हैं जो सर्दी जुकाम उल्टी व बुखार से पीडि़त हैं। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं।
चंबा, जागरण संवाददाता। Viral Fever in Chamba, मौसम बदलते ही चंबा जिला के लोगों को वायरल फीवर ने जकड़ लिया है। इनमें अधिकांश बच्चे हैं जो सर्दी, जुकाम, उल्टी व बुखार से पीडि़त हैं। वायरल फीवर के रोजाना से अधिक मरीज मेडिकल कालेज में आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं।
हालत यह है कि यहां पर बिस्तर भी कम पडऩे लगे हैं। लोगों को सर्दी, खांसी व बुखार की अधिक शिकायत हो रही है। चंबा के अधिकतर लोग मौसम में आए बदलाव से वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। चंबा शहर के अलावा भरमौर, होली, सलूणी, तीसा, पुखरी आदि क्षेत्रों के लोगों को भी वायरल फीवर ने जकड़ लिया है। यही कारण है कि जिला के पहाड़ी क्षेत्रों की डिस्पेंसरियों व पीएचसी में भी प्रतिदिन वायरल फीवर से पीडि़त लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। जिला के अधिकतर बुजुर्ग, युवक व युवतियां तथा छोटे बच्चे सर्दी, जुकाम और खांसी से पीडि़त हो रहे हैं। आए दिन मेडिकल कालेज में मरीजों की ओपीडी में वृद्धि हो रही है।
अस्पताल में उपचाराधीन अधिकतर बच्चे वायरल फीवर, उल्टी, दस्त और टायफायड से पीडि़त हैं। मौसम में परिवर्तन के चलते बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। वायरल फीवर, उल्टी व दस्त से ग्रसित बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। बच्चों को बेहतर इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। वायरल फीवर की वजह से छोटे बच्चों की छाती जाम हो रही है, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। लोग एहतियात बरतें।
-डा. विशाल महाजन, शिशु रोग विशेषज्ञ मेडिकल कालेज चंबा
कोविड के डर से नहीं ला रहे अस्पताल
लोगों के वायरल की चपेट में आने के बावजूद अस्पतालोंं में ओपीडी नहीं बढ़ रही। इसका कारण कोरोना टेस्ट का भय माना जा रहा है। अभिभावक अपने बच्चों का कोविड-19 टेस्ट नहीं करवाना चाह रहे। वायरल की चपेट में आने के बाद निजी क्लीनिकों के माध्यम से ही उपचार की सुविधा ली जा रही है। अगर ग्रामीण क्षेत्रों पर नजर दौड़ाई तो हर एक गांव में वायरल से पीडि़त बच्चे व अधेड़ उम्र के लोग मिल जाएंगे। मौसमी बदलाव के कारण वायरल की चपेट में आए लोग अपना कोविड टेस्ट नहीं करवाना चाहते।
इसके साथ ही अपने बच्चों का भी कोरोना टेस्ट नहीं करवाना चाहते। यही कारण है कि नजदीकी क्लीनिकों से ही दवा ली जा रही है। अकसर देखा जा रहा है कि जिन बच्चों को निजी क्लीनिकों के उपचार से लाभ नहीं हो पा रहा, उन्हें बाद में अस्पताल लाया जा रहा है।
कोविड टेस्ट से न घबराएं लोग
मौसम बदलने पर लोग अकसर वायरल की चपेट में आते हैं। हालांकि लोगों को अस्पताल में पहुंचकर चिकित्सकीय उपचार लेना चाहिए। कोविड-19 टेस्ट से घराबने की आवश्यकता नहीं है। टेस्ट में यदि कोई संक्रमित निकलता है, तो उसे कोविड नियमों के तहत उपचार की सुविधा समय रहते शुरू की जाती है।
-डा.जालम भारद्वाज, जिला स्वास्थ्य अधिकारी चंबा