विहिप ने लव जिहाद को धार्मिक स्वतंत्रता कानून में शामिल करने की उठाई मांग, विधि मंत्री से की मुलाकात

Religious Freedom Law विश्‍व हिंदू परिषद ने सरकार से धार्मिक स्वतंत्रता कानून में लव जिहाद को शामिल करने की मांग की है। परिषद का कहना है ऐसे में लव जिहाद को रोकने के लिए अलग कानून बनाने की जरूरत नहीं रहेगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 10:03 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 10:03 AM (IST)
विहिप ने लव जिहाद को धार्मिक स्वतंत्रता कानून में शामिल करने की उठाई मांग, विधि मंत्री से की मुलाकात
विश्‍व हिंदू परिषद ने सरकार से धार्मिक स्वतंत्रता कानून में लव जिहाद को शामिल करने की मांग की है।

शिमला/धर्मशाला, जेएनएन। विश्‍व हिंदू परिषद ने सरकार से धार्मिक स्वतंत्रता कानून में लव जिहाद को शामिल करने की मांग की है। परिषद का कहना है ऐसे में लव जिहाद को रोकने के लिए अलग कानून बनाने की जरूरत नहीं रहेगी। मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल विधि मंत्री सुरेश भारद्वाज से शिमला में मिला और मांगपत्र सौंपा। परिषद के प्रांत न्यासी अमन पुरी ने विधि मंत्री को अवगत करवाया कि मौजूदा सरकार ने करीब एक साल पहले जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित करवाया था। एक साल गुजर जाने के बाद भी कानून लागू नहीं किया गया है।

प्रांत संगठन मंत्री नीरज दौनेरिया ने कहा कि सरकार लंबित पड़े धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में लव जिहाद को भी शामिल करे। यदि ऐसा करना संभव नहीं हो तो लव जिहाद रोकने के लिए अलग से कानून बनाए। दौनेरिया का कहना है कि देवभूमि में विशेष समुदाय संगठित नेटवर्क बनाकर और पहचान छिपाकर लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बना रहा है। पहले तो यह समस्या सिरमौर जिला के पांवटा-साहिब, कालाअंब और सोलन जिले के नालागढ़ तक सीमित थी, अब जनजातीय जिलों में भी लड़कियों को लव जिहाद के चक्रव्यूह में फंसाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के करीब 18 स्थानों पर ऐसे मामलों की शिकायतें पुलिस के पास दर्ज हैं। लव जिहाद रोकने के लिए कोई ठोस कानून नहीं होने के कारण ये लोग बचकर निकल जाते हैं। इस दौरान विभाग संयोजक बजरंग दल नरेश दास्टा, जिला संगठन मंत्री कुशल चंद, जिला प्रचार प्रमुख भागेश शर्मा, प्रांत मीडिया प्रमुख अनिल ठाकुर व सुनील कुमार मौजूद रहे।

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