अब बछड़ा नहीं बछड़ी ही देगी गाय, केंद्र सरकार की ओर से विकसित तकनीक आएगी हिमाचल
वीरेंद्र कंवर ने कहा बछड़ों का जन्म रोकने के लिए एक नई तकनीक विकसित की गई है। जिसका टीका बहुत महंगा है। सरकार केंद्र सरकार से मदद प्राप्त करने का प्रयास कर रही है ताकि गाय का टीकाकरण कर केवल बछड़ी ही पैदा हो इस तरह की व्यवस्था होगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल के दौरान गेहूं की खरीद को लेकर भाजपा विधायक राजेश ठाकुर और सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह ने गेहूं की खरीद को लेकर के प्रश्न पूछा। जिसके जवाब में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग ने अवगत करवाया 3 वर्षों के दौरान कितनी गेहूं खरीदी गई। मंत्री ने सदन में कहा गेहूं की बिक्री करने के लिए लोग समय पर नहीं आए। अब ऐसा कोई नया कार्यक्रम गेहूं की खरीद को लेकर नहीं है। इस मामले को लेकर मुकेश अग्निहोत्री, रामलाल ठाकुर ने भी अपने सवाल पूछे। विपक्षी सदस्य जानना चाहते थे कि प्रदेश सरकार ने एफसीआई और एपीएमसी के माध्यम से गेहूं की कितनी खरीद की है। पिछले 3 वर्षों के दौरान गेहूं की खरीद करने के लिए कितने केंद्र खोले गए थे।
प्रश्नकाल के दौरान राज्य के विभिन्न भागों में लावारिस छोड़े गए पशुओं का मामला छाया रहा। सत्ता पक्ष व विपक्षी सदस्यों द्वारा पशुओं की समस्या को लेकर सरकार से तीखे सवाल किए गए। गो सेंक्चुरी खोलने को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश धवाला द्वारा पूछे गए सवाल में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के समय गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा 146 गौसदन चलाए जा रहे थे, जो पंजीकृत थे। अभी तक कुल 198 गौ सदन चल रहे हैं, जिनमें 7500 पशु रखे गए हैं। गौ सदनों की संख्या बढ़ने के बाद पशुओं की संख्या 17407 पहुंच गई है 14902 पशुओं के लिए 500 रुपये की दर से अभी तक 7.7 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
उन्होंने सदन को अवगत करवाया की अब स्मार्ट गौशालाओं का कंसेप्ट आया है जोकि लाभकारी सिद्ध हो रहा है। जिसके तहत गाय को लाभकारी प्राणी माना गया है। ऐसा देखने में आया है कि जब से मशीनों से खेती बाड़ी की जा रही है। लोगों ने बछड़ों का प्रयोग खेतों में करना बंद कर दिया है। परिणाम स्वरूप लोग बछड़ों को खुले में छोड़ देते हैं, जो समस्या का कारण बनते हैं।
उन्होंने कहा बछड़ों का जन्म रोकने के लिए एक नई तकनीक विकसित की गई है। जिसका टीका बहुत महंगा है। सरकार केंद्र सरकार से मदद प्राप्त करने का प्रयास कर रही है, ताकि गाय का टीकाकरण कर केवल बछड़ी ही पैदा हो, इस तरह की व्यवस्था होगी। वीरेंद्र कंवर ने कहा 80 फीसद पशुओं की टैगिंग का काम हो चुका है। इन पशुओं के मालिकों के आधार कार्ड से जोड़ा जा चुका है, जहां तक पशुओं को खुले में छोड़ने का सवाल है, तो सजा देने का प्रावधान पंचायत प्रधान के पास था, पंचायत प्रधान इस मामले में विफल रहे हैं। अब सरकार एसडीएम तहसीलदार को सजा की शक्तियां देने पर विचार कर रही है।
शहरी आजीविका योजना कानूनी अधिनियम रूप दिया जाए : बुटेल
कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने सदन में संकल्प पेश किया। उनका कहना है कि मनरेगा की तर्ज पर मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना को कानूनी अधिनियम का रूप दिया जाए। आशीष बुटेल ने कहा यूपीए सरकार ने मनरेगा योजना शुरू की थी, जो पूरी तरह से पारदर्शी थी। जिसका लाभ गरीब लोगों को प्राप्त हो रहा था। इसी तरह से राज्य के गरीबों के लिए ऐसी योजना लाई जानी चाहिए, जो गरीब हित में हो। जिसका आर्थिक तौर पर गरीबों को लाभ प्राप्त हो। प्रदेश में कोरोना के वजह से लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। लोगों के रोजगार चले गए। लोगों को बेरोजगार होकर वापस अपने घरों को लौटना पड़ा है। ऐसे में प्रदेश के लोग एक ऐसी योजना चाहते हैं जो उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करें। गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस के तहत आशीष बुटेल, रमेश धवाला, जीतराम कटवाल, जगत सिंह नेगी की ओर से रखे संकल्प पर चर्चा शुरू हुई।