ऋण लेकर सब्जी उगाई, ओलावृष्टि ने तबाही मचाई

बिमल बस्सी कांगड़ा शहर के निकटवर्ती क्षेत्रों में सब्जी की फसल पर प्राकृतिक आपदा बिजली बनक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 01:00 AM (IST)
ऋण लेकर सब्जी उगाई, ओलावृष्टि ने तबाही मचाई
ऋण लेकर सब्जी उगाई, ओलावृष्टि ने तबाही मचाई

बिमल बस्सी, कांगड़ा

शहर के निकटवर्ती क्षेत्रों में सब्जी की फसल पर प्राकृतिक आपदा बिजली बनकर टूटी है। नुकसान का मुआवजा न मिलने से किसानों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर किसानों ने बैंक से ऋण लेकर सब्जी उगाई थी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से परेशान किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

कोरोना क‌र्फ्यू के कारण पहले किसानों को सब्जी के खरीदार नहीं मिल रहे थे और अब ओलावृष्टि ने उनकी कमर तोड़कर रख दी है। लाखों की सब्जी खेत में ही बर्बाद हो गई है। सब्जी उगाने के लिए मशहूर कांगड़ा के नजदीकी गांव कोटक्वाला में ओलावृष्टि से फूलगोभी सड़कर दुर्गध छोड़ने लगी है। इस क्षेत्र में मुख्य रूप से बैंगन, खीरा, भिडी, फ्रांसबीन, बंदगोभी, फूलगोभी, मूली, साग व करेला उगाया जाता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिला कांगड़ा में गेहूं, धान व आलू की फसल को बीमा अधिसूची में रखा है। इसके अलावा सोलन, कुल्लू और मंडी में टमाटर तथा शिमला व अन्य क्षेत्रों में गोभी को बीमा योजना में अधिसूचित किया है। इस कारण कांगड़ा के सब्जी उत्पादकों को निराशा हो रही है। जिनके पास कुछ सब्जी तैयार है, उन्हें मंडी व बाजार मे उचित भाव न मिलने से मायूस होना पड़ रहा है।

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बैंक से ऋण लेकर सब्जी उगाने का कारोबार शुरू किया था लेकिन ओलावृष्टि से अधिकतर सब्जी सड़ गई है। ऋण चुकाने की निर्धारित अवधि बीत गई है। बैंक की किस्त नहीं चुका पाया हूं।

-राकेश कुमार

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बैंक से 90 हजार रुपये का ऋण लिया है। फसल बर्बाद होने से उम्मीदों पर पानी फिर गया है। भिडी, फ्रांसबीन, खीरा व करेला की फसल तबाह हो गई। ऋण चुकाने की चिंता सताने लगी है।

-सुभाष चौधरी

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1966 से घर में उगी सब्जी बेचने का काम कर रहा हूं। इस बार मौसम की वजह से फ्रांसबीन, घीया, बैंगन व खीरा खराब हो गया है। ग्राहक न मिलने से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

-बज्जर सिंह

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बैंगन, खीरा, फ्रांसबीन व मूली की फसल उगाई थी, परंतु ओलावृष्टि ने सब तबाह कर दिया है। अब फसलों की लागत राशि भी वसूल नहीं हो पाई है। भविष्य की चिंता सताने लगी है।

-बंटू चौधरी

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जिला मंडी के किसानों ने मांग रख कर टमाटर को बीमा में अधिसूचित करवाया है। कांगड़ा के किसान भी पंचायत के जरिये प्रस्ताव लाकर और उत्पादन में बढ़ोतरी कर अपनी मुख्य सब्जी को बीमा योजना की अधिसूची में लाने का प्रयास कर सकते हैं। फिलहाल कांगड़ा में गेहूं व धान के अलावा आलू इस श्रेणी में शामिल है।

-डा. पीसी सैणी, उपनिदेशक, कृषि विभाग कांगड़ा

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