केंद्रीय मंत्री अनुराग का आह्वान, 50 वर्ष का रोडमैप तैयार करे हिमाचल, दिया यह सुझाव

Union Minister Anurag Thakur केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए 50 वर्षीय रोडमैप तैयार करने की जरूरत है। इस पर सामूहिक तौर पर कार्य किया जाना चाहिए।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:46 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 07:46 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री अनुराग का आह्वान, 50 वर्ष का रोडमैप तैयार करे हिमाचल, दिया यह सुझाव
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर

शिमला, राज्य ब्यूरो। Union Minister Anurag Thakur, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए 50 वर्षीय रोडमैप तैयार करने की जरूरत है। इस पर सामूहिक तौर पर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने हिमाचल के व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए काम करने के लिए सामूहिक, समन्वित, एकीकृत और सक्रिय पहल करने का आह्वान किया। प्रदेश को देश में एक आदर्श राज्य बनाने के लिए हर नागरिक के योगदान और भूमिका की जरूरी है। हिमाचल प्रदेश के राज्य के गठन की स्वर्ण जयंती के अवसर पर विधानसभा के विशेष सत्र के समापन के बाद पुस्तकालय हाल में पूर्व और मौजूदा विधायकों और सांसदों के सम्मान समारोह में उन्होंने पिछली सरकारों और राज्य की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए वर्तमान सरकार की प्रशंसा की। अनुराग ने कहा कि राज्य के लोगों को पिछले 50 वर्ष की यात्रा का आत्मनिरीक्षण करने और नई विकास यात्रा शुरू करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

पूर्व सरकारों की भूमिका को किया याद

केंद्रीय मंत्री ने पिछली सभी सरकारों की भूमिका और योगदान को याद किया। विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री डा. वाइएस परमार ने राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सभी पूर्व और मौजूदा विधायकों और सांसदों के हिमाचल के विकास में दिए योगदान की भी सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने देश के सभी लोगों के निष्पक्ष, न्यायसंगत और समान सामाजिक आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पहले से ही आत्मनिर्भर भारत के सक्रिय पथ पर चल रही है। हिमाचल में पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक सुंदरता, कृषि, बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, स्वरोजगार और विरासत के कारण सामाजिक-आर्थिक विकास के सभी क्षेत्रों में सतत विकास की अपार संभावनाएं हैं।

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