ज्वालामुखी में साढ़े 5 करोड़ की कार पार्किंग कम शॉपिंग कांपलैक्स अधर में लटका

ज्वालामुखी मंदिर के मुख्य मार्ग के नजदीक नगर परिषद ज्वालामुखी की कार पार्किंग व सब्जी फ्रूट मार्केट के स्थान पर नगर परिषद ज्वालामुखी का ड्रीम प्रोजेक्ट लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपये का मल्टी स्टोरी कार पार्किंग कम शॉपिंग कांपलैक्स का कार्य अधर में लटक गया है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 01:19 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 01:19 PM (IST)
ज्वालामुखी में साढ़े 5 करोड़ की कार पार्किंग कम शॉपिंग कांपलैक्स अधर में लटका
ज्वालामुखी का ड्रीम प्रोजेक्ट मल्टी स्टोरी कार पार्किंग कम शॉपिंग कांपलैक्स का कार्य अधर में लटक गया है।

करुणेश शर्मा, ज्वालामुखी। ज्वालामुखी मंदिर के मुख्य मार्ग के नजदीक नगर परिषद ज्वालामुखी की कार पार्किंग व सब्जी फ्रूट मार्केट के स्थान पर नगर परिषद ज्वालामुखी का ड्रीम प्रोजेक्ट लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपये का मल्टी स्टोरी कार पार्किंग कम शॉपिंग कांपलैक्स का कार्य अधर में लटक गया है।

वजह यह है कि नगर पार्षद आपस में सहमत नहीं है और नगर परिषद के कुछ पुराने किरायेदार अपनी दुकानें खाली करने को राजी नहीं हो रहे हैं। हालांकि पूर्व जिलाधीश कांगड़ा ने यहां पर खुद आकर दुकानदारों से बात की थी और नगर पार्षदों को भी सहमत कर दिया था, लेकिन उनका तबादला हो जाने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया। नगर परिषद ज्वालामुखी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के बन जाने से नगर परिषद को जहां लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता,  वहीं शहर में कई दुकानदारों को व्यापार में बढ़ोतरी होती नए दुकानदारों को यहां पर रोजगार के अवसर मिलते। लेकिन योजना के ठंडे बस्ते में होने के चलते सभी प्रयास विफल हो गए हैं।

क्या कहते हैं बाशिंदें

 मुंशी राम ठाकुर ने कहा कि यह महत्वकांक्षी योजना का शिलान्यास कांग्रेस शासन में हुआ है, लेकिन आज दिन तक यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। यदि यह कांपलैक्स कम कार पार्किंग बन जाता तो न केवल नगर परिषद की आय दोगुनी हो जाती बल्कि कई लोगों को रोजगार के अवसर मिल जाते।

 अरुण रघुवंशी शहर में केवल मात्र यही एक मार्केट ऐसी रह गई है जो पक्की नहीं है। सरकार व प्रशासन कई बार प्रयास कर चुके हैं, लेकिन दुकानदार सहमत नहीं होते हैं। पहले कांग्रेस शासन में और अब भाजपा शासन में प्रयास किए गए कि दुकानदारों को समझाया जाए, लेकिन सब असफल रहा।

 रामस्वरूप शास्त्री ने कहा कि स्थानीय विधायक एवं राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष ने पार्षदों के साथ कई बैठकें आयोजित कर उनको राजी किया और दुकानदारों को मनाने के लिए निर्देश दिए, लेकिन पार्षद इसमें पूरी तरह से असफल रहे और यह महत्वकांक्षी योजना सिरे नहीं चढ़ पाई।

 जोगिंद्र कौशल पार्षदों को स्थानीय दुकानदारों से वार्ता करके इस योजना को सिरे चढ़ाना चाहिए। जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है और नगर परिषद की आय की बढ़ोतरी करना उनका दायित्व है। इससे नगर परिषद के अंतर्गत लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और शहर सुंदर स्वच्छ नजर आएगा।

नप ज्वालामुखी की कार्यकारी अधिकारी कंचन बाला ने कहा कि, कई बार इस प्रस्ताव को हाउस की बैठक में रखा गया। पार्षद भी कई बार सहमत हो गए, लेकिन कुछ दुकानदारों का रवैया इस योजना को सिरे चढ़ने से रोक रहा है। इसमें सरकार व प्रशासन मदद करें तभी कुछ किया जा सकता है।

ज्‍वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने कबहा कि यदि दुकानदार राजी हो जाए तो वे जिला प्रशासन को यहां पर बुलाकर इस योजना को पूरा करवाने में पूरा प्रयास करेंगे, ताकि नगर परिषद की आय में बढ़ोतरी हो और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल पाएं।

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