ऊना की अंजू ने पति के अवशेष लाने के लिए सात समंदर पार तक लड़ी लड़ाई, पढ़ें पूरा मामला
Una Sanjeev Kumar Burried in Saudi हिंदू शास्त्रों में सावित्री और सत्यवान की कथा बहुत मशहूर है जिसमें सावित्री अपने पति के प्राण यमराज से वापस ले आई थी। इस कहानी में अंजू अपने पति के प्राण तो वापस नहीं ला पाई
ऊना, सतीश चंदन/कमल अरोड़ा। हिंदू शास्त्रों में सावित्री और सत्यवान की कथा बहुत मशहूर है जिसमें सावित्री अपने पति के प्राण यमराज से वापस ले आई थी। इस कहानी में अंजू अपने पति के प्राण तो वापस नहीं ला पाई, लेकिन सात समंदर पार से पति के पार्थिव शरीर को अपने देश की मिट्टी तक पहुंचाकर पति के अवशेषों के साथ इंसाफ जरूर करवाया है। सऊदी अरब में कार्य करने वाले संजीव की मृत्यु हो गई, लेकिन वहां पर अनुवादक की गलती के कारण संजीव का शव न तो भारत भेजा गया और न हिंदू रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।
जब परिवार को इसका पता चला तो अंजू और उसकी तीन बेटियों नैंसी, मानसी और तनीषा ने शव को भारत लाने की मुहिम शुरू कर दी। इस परिवार ने विधायक से लेकर सांसद और प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक को पत्र लिखे। उसके बाद अंजू शर्मा ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और फिर उच्च न्यायालय ने विदेश मंत्रालय को आदेश दिया कि इस मामले में जल्द कार्रवाई करे।
बेटियों ने की अंत्येष्टि
ऊना के संजीव कुमार के अवशेष विदेश से लाने के बाद बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। यहां उनकी तीनों बेटियों ने हिंदू रस्म रिवाज के साथ पिता की अंत्येष्टि की। वहीं, घर में संजीव की पत्नी गुमसुम बैठी है और रिश्तेदार उसे ढांढस बंधा रहे हैं।
24 जनवरी को हुई थी मृत्यु
संजीव कुमार शर्मा की इसी वर्ष 24 जनवरी को सऊदी अरब में ही मौत हो गई थी, लेकिन संजीव के शव को सऊदी अरब में ही मुस्लिम बताकर दफना दिया गया था। मामले का पता चलते ही स्वजनों ने शव को वापस लाने की मांग करते हुए सरकार के साथ-साथ अदालत में भी दस्तक दी। संजीव पिछले 23 वर्ष से सऊदी अरब में नौकरी कर रहे थे। करीब तीन साल पूर्व ही वह परिवार के साथ छुट्टी बिताकर लौटे थे। दिसंबर 2020 में सऊदी अरब में उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिंदगी की जंग लड़ते हुए उन्होंने 24 जनवरी को दम तोड़ दिया।
नैंसी शर्मा ने पिता के शव को भारत लाने में उनकी मदद करने वाले सभी लोगों का आभार जताया। साथ ही नैंसी ने जिला प्रशासन, प्रदेश व केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली हाईकोर्ट और मीडिया का भी इस मुहिम को शुरू करने के लिए आभार जताया।