बेसहारा पशुओं के सताए किसानों को मिले आर्थिक मदद, शाहपुर के किसानों ने की मांग
कांगड़ा किसान समूह ने सरकार से लोगों को बेसहारा पशुओं के आतंक से बचाने की गुहार लगाई है। किसान समूह का कहना है कि बेसहारा पशुओं का आतंक अब लोगों पर भारी पड़ रहा है। यह किसानों की फसल उजाडऩे के साथ अब लोगों पर हमले भी करने लगे हैं।
शाहपुर, संवाद सूत्र। कांगड़ा किसान समूह ने सरकार से लोगों को बेसहारा पशुओं के आतंक से बचाने की गुहार लगाई है। किसान समूह का कहना है कि बेसहारा पशुओं का आतंक अब लोगों पर भारी पड़ रहा है। यह किसानों की फसल उजाडऩे के साथ अब लोगों पर हमले भी करने लगे हैं। शाहपुर के कैरी गांव में एक बेसहारा बैल द्वारा एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला किया जाना इसका ताजा उदाहरण है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में किसान समूह ने कहा है कि बेसहारा पशुओं के खौफ से किसान अपने खेतों को खाली रखने पर मजबूर होने लगे हैं। जिस कारण किसान आर्थिक रुप से भी कमजोर होने लगे है। भूख के कारण अब यह बेसहारा पशु लोगों के घरों का रुख भी करने लग पड़े हैं। लोगों के किचन गार्डन को बर्वाद करने के साथ साथ यह पशु उनके घरों का सामान भी तोड़ देते हैं।
कांगड़ा किसान समूह के अध्यक्ष राकेश चौहान, रिहाडू राम, सलाहकार प्रकाश चौधरी सहित कुछ अन्य लोगों ने शासन, प्रशासन व स्थानीय निकायों द्वारा इस गंभीर समस्या की अनदेखी किए जाने से जनता निराश है, क्योंकि यह समस्या घटने के बजाय निरंतर बढ़ती जा रही है। ज्ञापन में मांग की गई है कि पशुओं को बेसहारा छोडऩे के मामले में एक कठोर नीति बनाई जाए, जिसमे सख्त सजा का प्रावधान हो और जब तक यह समस्या दूर नहीं हो जाती तब तक हर प्रभावित किसान को प्रति कनाल जमीन के हिसाब से एक निश्चित आर्थिक मदद निर्धारित की जाए, ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।