व्यवस्था पर विश्वास, नहीं रुकेगी किसी मरीज की सांस
मुनीष गारिया धर्मशाला कोरोना संक्रमण ने प्रदेश समेत जिला कांगड़ा को हिलाकर रख दिया ह
मुनीष गारिया, धर्मशाला
कोरोना संक्रमण ने प्रदेश समेत जिला कांगड़ा को हिलाकर रख दिया है। हर कोई कोरोना की दूसरी लहर से भयभीत है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि पिछले एक सप्ताह से हर रोज 250 से 500 कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं। भले ही जिले में हालात ठीक नहीं हैं, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने इन पर काबू पाने के लिए व्यवस्था पुख्ता कर ली है।
स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल के अलावा कोविड केयर सेंटर और कोविड अस्पताल बना दिए हैं। मौजूद समय में जिले में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए 360 बिस्तर की व्यवस्था है। इसके अलावा जरूरत के हिसाब से 400 अतिरिक्त बिस्तर तैयार करने का प्रारूप भी तैयार कर लिया है। इस वक्त हर बिस्तर में ऑक्सीजन की व्यवस्था हो चुकी है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को विश्वास है कि अगर हालात और खराब हुए तो भी किसी भी कोरोना मरीज की ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं होने दी जाएगी।
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जिले में बिस्तर व मरीजों की स्थिति
इस समय जिले में 360 बिस्तर की व्यवस्था है। कोविड अस्पताल धर्मशाला में 130 बिस्तर की व्यवस्था है और अभी अस्पताल में करीब 115 मरीज हैं। कोविड केयर सेंटर डाढ में 100 बिस्तर की क्षमता है और करीब 25 लोग भर्ती हैं। सेना अस्पताल योल व पालमपुर में 50 बिस्तर और करीब 20 लोग भर्ती हैं। टांडा में 108 बिस्तर की व्यवस्था है। यहां अभी तक 50 फीसद से ज्यादा बिस्तर खाली हैं।
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कोविड केयर सेंटर डाढ में हैं 100 बिस्तर
कोविड केयर सेंटर डाढ में 100 बिस्तर की व्यवस्था है। जिला प्रशासन ने प्लान तैयार किया है कि अगर जरूरत हुई तो सेंटर में 500 बेड की व्यवस्था की जाएगी।
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निजी अस्पतालों ने भी भरी हामी
प्रशासन ने कांगड़ा के तीन निजी अस्पतालों से बात की है कि अगर जरूरत पड़ती है तो मरीजों को रखा जाएगा। इस बाबत निजी अस्पताल प्रशासन ने हामी भर दी है। पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने भी रक्कड़ स्थित अपने घर में कोरोना मरीजों को रखने का प्रस्ताव दिया है।
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200 अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलिडर खरीदे
स्वास्थ्य विभाग ने वर्तमान में हर बिस्तर में ऑक्सीजन की व्यवस्था की है। इसके अलावा विभाग ने एहतियात के तौर पर 45 किलोग्राम वाले 200 अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलिडर खरीदे हैं। 150 ऑक्सीजन सिलिडर जिला आपदा प्रबंधक फंड से खरीदे हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन उत्पादन के लिए जोनल अस्पताल धर्मशाला में पीएसए प्लांट हैं, जबकि टांडा में पीएसए प्लांट, मेनीफॉल्ड प्लांट और लिक्विड प्लांट स्थापित है।
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धर्मशाला, नूरपुर व पालमपुर से टांडा लाए वेंटीलेटर
विभाग के पास टांडा अस्पताल में 70 वेंटीलेटर हैं। इसके अलावा 22 जोनल अस्पताल धर्मशाला, सिविल अस्पताल पालमपुर व सिविल अस्पताल नूरपुर में हैं। अब इन सभी वेंटीलेटर को टांडा अस्पताल लाया गया है ताकि आपातकाल में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े।
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विभाग की तैयारियां पूरी हैं लेकिन जनसहयोग भी जरूरी है। अगर जन सहयोग रहेगा तो अतिरिक्त बिस्तर व ऑक्सीजन की जरूरत कम ही पड़ेगी। वैसे दैनिक कुल संक्रमितों में से ज्यादा से ज्यादा 15 से 20 फीसद लोग ही अस्पताल में भर्ती करने की हालत में होते हैं। इनमें से भी केवल 10 फीसद मरीजों को ही ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
-डा. गुरदर्शन गुप्ता, सीएमओ, कांगड़ा।
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अभी तक जिले में स्थिति नियंत्रण में है। कुछ निजी अस्पतालों से बातचीत हुई है। इसके अलावा जरूरत पड़ी तो डाढ सेंटर में 500 बिस्तर की व्यवस्था की जाएगी।
-राकेश प्रजापति, डीसी कांगड़ा