हिमाचल में जागरूकता की कमी में नदी किनारे उतर रहे पर्यटक, जानिए क्यों खतरनाक हैं पहाड़ की नदियां
Tourists Descending in River कोरोना के मामलों में कमी व हिमाचल में कोविड कर्फ्यू में कुछ राहत मिलते ही प्रदेश में पर्यटकों की चहल कदमी बढ़ गई है। पर्यटन नगरी कुल्लू मनाली में रोजाना सैकड़ों पर्यटक कुल्लू की वादियों को निहारने के लिए पहुंच रहे हैं।
कुल्लू, संवाद सहयोगी। Tourists Descending in River, कोरोना के मामलों में कमी व हिमाचल में कोविड कर्फ्यू में कुछ राहत मिलते ही प्रदेश में पर्यटकों की चहल कदमी बढ़ गई है। पर्यटन नगरी कुल्लू मनाली में रोजाना सैकड़ों पर्यटक कुल्लू की वादियों को निहारने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में इंटरनेट मीडिया में पर्यटकों की ब्यास नदी किनारे मौज मस्ती करने की फोटो वायरल हुई हैं। इंटरनेट मीडिया में कई प्रकार के क्यास लगाए जा रहे हैं और हादसों को रोकने की अपील की गई है। सरकार व प्रशासन की मनाही के बावजूद कुल्लू जिला में कई पर्यटक ब्यास नदी किनारे मौज मस्ती करने को उतर रहे हैं। ऐसे पर्यटक ब्यास नदी में उतरकर अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं। लगातार हादसों के बाद भी पर्यटक मनमानी कर रहे हैं। इससे कभी भी हादसा हो सकता है।
दरअसल पहाड़ों पर अचानक बारिश होने व कई बार गर्मी ज्यादा पड़ने से बर्फ पिघलने पर अचानक पानी बढ़ जाता है, ऐसे में नदी के बीच में उतरे लोगों को संभलने का मौका नहीं मिल पाता है। इसके अलावा नदियों पर बनाए गए हाइड्रो प्रोजेक्ट प्रबंधन भी बांध से पानी छोड़ देते हैं।
गर्मी से राहत पाने के लिए जिला कुल्लू की वादियों में हर वर्ष लाखों पर्यटक आते हैं और यहां पर शांत वादियों में अपना समय बिताते हैं। इनमें से कुछ पर्यटक गर्मी से राहत पाने के लिए ब्यास नदी में पानी में मस्ती करने उतर जाते हैं। हालांकि लगातार प्रशासन की ओर जिला में ब्यास नदी किनारे जाने पर रोक लगा रखी है। कई बार ब्यास का जलस्तर बढ़ जाता है और इस कारण हादसे का भी खतरा रहता है। ऐसे ही जिला में कई हादसे भी हो चुके हैं। इसमें लारजी डैम हादसा जिसमें इंजीनियरिग कॉलेज हैदराबाद के 24 छात्र-छात्राओं की मौत हो गई थी। गुजरात के पर्यटक की ब्यास में गिरने से मौत, मणिकर्ण घाटी में कई पर्यटकों की पैर फिसलने से मौत हो चुकी है।
एसडीएम कुल्लू डाक्टर अमित गुलेरिया का कहना है प्रशासन की ओर से समय-समय पर पर्यटकों का जागरूक किया जाता है। इसके अलावा नदी किनारे किनारे साईन बोर्ड भी लगाए गए हैं। लोगों से भी आग्रह है कि पर्यटकों को ब्यास नदी में जाने से रोकें।