Friendship Day 2021: धर्मशाला-मैक्लोडगंज की तरफ कदम बढ़ाने से नहीं रोक पाते पर्यटक

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में धर्मशाला मैक्लोडगंज पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। इसका कारण यहां की प्राकृतिक सुंदरता और तिब्बतियन धर्मगुरु दलाईलामा की यहां मौजूदगी है। वहीं यहां की आवोहवा व सुंदरता के लिए भी पर्यटक मैक्लोडगंज का रूख करते हैं।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 02:00 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 02:00 PM (IST)
Friendship Day 2021: धर्मशाला-मैक्लोडगंज की तरफ कदम बढ़ाने से नहीं रोक पाते पर्यटक
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में धर्मशाला, मैक्लोडगंज पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में धर्मशाला, मैक्लोडगंज पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। इसका कारण यहां की प्राकृतिक सुंदरता और तिब्बतियन धर्मगुरु दलाईलामा की यहां मौजूदगी है। तिब्बतियन धर्मगुरु की यहां चलने वाले टीचिंग में शामिल होने के लिए देश विदेश से सैकड़ों बौद्ध अनुयायी यहां पहुंचते हैं। वहीं यहां की आवोहवा व सुंदरता के लिए भी पर्यटक मैक्लोडगंज का रूख करते हैं।

धर्मशाला, मैक्लोडगंज, धर्मकोट, भागसू नाग एक ऐसे स्थल हैं जो यहां आने वाले पर्यटकों को माकूल माहौल देते हैं, जिसमें उनके खाने पीने से लेकर अन्य सुविधाओं को बेहतर तरीके से उपलब्ध करवाया जाता है, जिससे उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। होटलों में पर्यटकों की पसंद के व्यंजन उपलब्ध हैं। यहीं नहीं यहां नड्डी सन सेट, दलाईलामा मंदिर, भागसूनाग मंदिर, गुणा माता मंदिर, कुनाल पथरी माता मंदिर, टी गार्डन, इंद्रू नाग धार पैराग्लाइडिंग साइट, करमापा मठ, तपोवन, बीड़ बिलिंग, सौरभ वन विहार, गोपालपुर चिड़ियाघर, धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम आदि मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र हैं।

यही नहीं जो लोग पर्वतारोहण के शौकीन हैं उन्हें धौलाधार के पास जाने का भी अवसर सरलता से उपलब्ध रहता है। ट्रेन गाइड की निगरानी में पर्यटक मैक्लोडगंज से धर्मकोट भागसू होते हुए त्रियूंड व इलाका पहुंचते हैं, कुछ पर्यटक ट्रैकिंग करते हुए इंद्रहार पास धौलाधार को भी क्रास करते है, इसका भी लुत्फ लेते हैं। यहां परिवार व मित्रों के साथ लुत्फ लिया जा सकता है।

धार्मिक पर्यटन नगरी भी है कांगड़ा

जिला कांगड़ा धार्मिक पर्यटन नगरी भी है। यहां कई शक्तितपीठ व प्रसिद्ध मंदिर हैं। इनमें मां चामुंडा देवी, मां बज्रेश्वरी देवी, मां ज्वालाजी के मंदिर प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा बेहद पुरानी शैली में निर्मित बैजनाथ शिव मंदिर, नूरपुर में भगवान श्री कृष्ण व मीरा का मंदिर, आशापुरी मंदिर, महाकाल मंदिर व मां बगलामुखी का मंदिर भी आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा भी यहां कई मंदिर मौजूद हैं। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी यहां दलाईलामा टेंपल, नोरबुलिंगा, शेराबिलिंग, खंपागार जैसे प्रसिद्ध बौद्ध मठ स्थापित है।

धरोहर पर्यटन का भी खजाना है

कांगड़ा की धरोहरें भी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। कांगड़ा शहर से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक किला, नूरपुर का किला, बैजनाथ शिव मंदिर व एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया मसरूर मंदिर, मैक्लोडगंज की चर्च धरोहर पर्यटन के मुख्य केंद्र हैं।

आकर्षित करता है पौंग बांध

यहां आने वाले पर्यटकों को पौंग झील भी आकर्षित करती है। यहां विदेशी परिंदों को देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं, वहीं वाटर स्पोटर्स का भी आयोजन किया जाता है। यहां पर पठानकोट से जोगेंद्रनगर नैरोगेज रेलमार्ग है और यहां चलने वाली रेलगाड़ी भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। पर्यटक हवाई मार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं। गगल एयरपोरट से मैक्लोडगंज, धर्मशाला व अन्य स्थानों के लिए टैक्सी उपलब्ध हो जाती है।

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