मनाली काजा मार्ग पर भूस्खलन होने से फंस गए 35 पर्यटक, आधी रात को इस तरह किए रेस्क्यू, बच्चे भी थे शामिल
Tourist Trapped in Landslide मनाली काजा मार्ग पर ग्राम्फू से नौ किमी दूर छतडू के पास भूस्खलन के कारण आवाजाही बंद हो गई। इस कारण 35 के करीब पर्यटक फंस गए जिन्हें पुलिस व प्रशासन ने आधी रात को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
मनाली, जागरण संवाददाता। Tourist Trapped in Landslide, मनाली काजा मार्ग पर ग्राम्फू से नौ किमी दूर छतडू के पास भूस्खलन के कारण आवाजाही बंद हो गई। इस कारण 35 के करीब पर्यटक फंस गए, जिन्हें पुलिस व प्रशासन ने आधी रात को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पर्यटकों व चालकों के फंसे होने की सूचना मिलते ही लाहुल स्पीति पुलिस टीम राजा घेपन रेस्क्यू टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया। बीआरओ की टीम पहले ही सड़क बहाली में जुटी हुई थी लेकिन भूस्खलन तीन जगह होने के कारण पर्यटक परेशानी में पड़ गए थे। सभी ने एक साथ कार्य करते हुए फंसे सभी 35 लोगों को आधी रात साढ़े 12 बजे रेस्क्यू करने में सफलता पाई। अधिकतर पर्यटकों को रात को ही मनाली भेज दिया, जबकि कुछ एक सिस्सू के होटलों में ठहरे।
काजा से मनाली की ओर आ रहे छह वाहन व तीन बाइक में 35 लोग शाम छह बजे भूस्खलन होने से
छतडू के समीप फंस गए थे, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल थे। बीआरओ काजा मार्ग की बहाली में जुटा हुआ है। एकाएक मार्ग बंद हो जाने से ठंड में पर्यटक सहम गए थे, लेकिन प्रशासन ने तुरंत हरकत में आते हुए सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया।
दूसरी ओर बारालाचा के पास भूस्खलन होने से मनाली लेह मार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। लाहुल स्पीति पुलिस इंटरनेट मीडिया के माध्यम से समय समय पर पर्यटकों को जानकारी दे रही है जिससे पर्यटकों को कम दिक्कत पेश आ रही है।
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया मनाली काजा मार्ग पर छतडू के बाद अब मनाली लेह के बारालाचा में भी भूस्खलन हुआ है, जिससे दोनों सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। बीआरओ दोनों सड़कों की बहाली में जुटा हुआ है।
एसपी लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने बताया कि दर्रो में बर्फबारी व बारिश के कारण जगह जगह भूस्खलन हो रहा है। उन्होंने सभी पर्यटकों व वाहन चालकों से सतर्क रहने व हालात देखकर ही सफर करने की सलाह दी है।
बरसात के मौसम में पहाड़ों की सैर जोखिम भरी हो सकती है। पर्यटकों को बेहतर गाइड के साथ ही घूमने जाना चाहिए या फिर स्थानीय टैक्सी में, क्योंकि स्थानीय टैक्सी ड्राइवर पहाड़ी रास्तों व मौसम के बारे ज्यादा जानकार होते हैं।
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