थमे पर्यटकों के कदम, लुढ़का पर्यटन कारोबार

राजेंद्र डोगरा धर्मशाला वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पहाड़ में भी पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। कांगड़ा जिले में हर वर्ष लाखों में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या अब हजारों में सिमटकर रह गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 06:00 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 06:00 PM (IST)
थमे पर्यटकों के कदम, लुढ़का पर्यटन कारोबार
थमे पर्यटकों के कदम, लुढ़का पर्यटन कारोबार

राजेंद्र डोगरा, धर्मशाला

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पहाड़ में भी पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। कांगड़ा जिले में हर वर्ष लाखों में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या अब हजारों में सिमटकर रह गई है। हालांकि इस वर्ष जरूर अभी तक सवा लाख के करीब पर्यटक पहुंचे हैं, लेकिन इसका ज्यादा लाभ मैक्लोडगंज व धर्मशाला के होटलियरों समेत इस उद्योग से सीधे या किसी न किसी रूप में जुड़े लोगों को नहीं मिल पाया है।

पिछले तीन वर्षों की बात की जाए तो 2019 में 22,26897 पर्यटक जिले के विभिन्न पर्यटक स्थलों में पहुंचे थे। वर्ष 2020 में पर्यटक सीजन शुरू होने से पहले मार्च के दूसरे पखवाड़े में ही देशभर में महामारी के कारण लाकडाउन लग था और इस कारण छह माह तक होटल बंद रहे थे व जून में दोबारा पर्यटन गतिविधियां शुरू हो पाई थीं। कोरोना के डर के कारण बहुत ही कम पर्यटकों ने पहाड़ का रुख किया था। 2020 में 73,678 के करीब पर्यटक जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों में पहुंचे। बात की जाए वर्ष 2021 की तो अभी पर्यटन कारोबार ने गति ही पकड़ी थी कि मई में दोबारा कोरोना क‌र्फ्यू लग गया। हालांकि जून में पर्यटन गतिविधियां तो शुरू हुई, लेकिन ज्यादातर होटल संचालकों ने प्रतिष्ठान संक्रमण से बचाव के कारण बंद ही रखे। जुलाई में मैदानी क्षेत्रों में गर्मी के कारण पर्यटकों ने पहाड़ का रुख किया भी, लेकिन 12 जुलाई को बरपे कुदरत के कहर के कारण पर्यटन गतिविधियां फिर से ठप होकर रह गई। जुलाई और अगस्त में पर्यटकों की संख्या बेशक ज्यादा रही, लेकिन इसका लाभ मैक्लोडगंज क्षेत्र के होटल संचालकों को ज्यादा नहीं मिल पाया।

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ये स्थान हैं पर्यटकों के आकर्षण

मैक्लोडगंज, धर्मशाला, पालमपुर, बीड़-बिलिग, कांगड़ा, ज्वालामुखी, श्री चामुंडा व पौंग बांध आदि स्थानों में घूमना पर्यटक पसंद करते हैं।

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कोरोना ने पर्यटन कारोबार को प्रभावित किया है। महामारी से कितना नुकसान हो चुका है, यह बताया नहीं जा सकता। होटलियर के साथ-साथ इस उद्योग से अन्य गतिविधियों के माध्यम से जुड़े लोग भी प्रभावित हुए हैं।

-अश्वनी बांबा, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला

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कोविड-19 से पर्यटन कारोबार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। अब तीसरी लहर को लेकर भी लोगों में डर है और वे देख रहे हैं कि इससे क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके बाद ही होटलियर व अन्य लोग जो इस उद्योग से किसी न किसी रूप से जुड़े हैं कारोबार को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे।

-संजीव गांधी, महासचिव होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला

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कोविड से पहले पर्यटकों की संख्या जिले में ही 20 लाख से ज्यादा रहती थी, लेकिन पिछले वर्ष यह आंकड़ा लाख भी नहीं पहुंच पाया है। मैक्लोडगंज, पालमपुर, बीड़-बिलिग, कांगड़ा व ज्वालामुखी में पर्यटक न के बराबर आए हैं।

-पृथी पाल सिंह, उपनिदेशक पर्यटन विभाग कांगड़ा।

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कब कितने पर्यटक पहुंचे

वर्ष, पर्यटकों की संख्या

2019, 22,26897

2020, 73,678

2021, अगस्त तक 1,27773

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