स्वर्गीय पिता का सपना पूरा करने रिंग में उतरेंगे मुक्केबाज आशीष, कोच से घंटों बात कर बेटे के प्रदर्शन की लेते थे जानकारी
Boxer Ashish Chaudhary मुक्केबाज आशीष चौधरी आज 26 जुलाई को टोक्यो ओलिंपिक में बाक्सिंग रिंग में उतर कर अपने पिता स्वर्गीय भगत राम का सपना पूरा करने जा रहे हैं। उनके सामने चीन का बाक्सर होगा। उनको रिंग में उतरता हुआ देखने के लिए मंडी जिले के लोग बेताब हैं।
मंडी, सुरेंद्र शर्मा। Boxer Ashish Chaudhary, जिला मंडी के सुंदरनगर उपमंडल के जरल गांव के रहने वाले मुक्केबाज आशीष चौधरी आज 26 जुलाई को टोक्यो ओलिंपिक में बाक्सिंग रिंग में उतर कर अपने पिता स्वर्गीय भगत राम का सपना पूरा करने जा रहे हैं। उनके सामने चीन का बाक्सर होगा। उनको रिंग में उतरता हुआ देखने के लिए मंडी जिले के लोग बेताब हैं। लोग आशीष के लिए दुआ कर रहे हैं। आशीष चौधरी को मुक्केबाजी के गुर सिखाने वाले कोच नरेश कुमार इस खुशी के मौके पर फूले नहीं समा रहे हैं। नरेश कहते हैं कि वह इस को नहीं भूले हैं कि जब भगत राम फोन पर उनसे घंटो बात कर आशीष के खेल प्रदर्शन की जानकारी लेते थे। युवा सेवाएं एवं खेल विभाग की ओर से संचालित बाक्सिंग कोचिंग सेंटर (सेंटर आफ एक्सीलेंस) में बतौर कोच का सेवाकाल व आशीष के पिता की बातें आज इस मौके पर फिर तरोताजा हो गई हैं।
वर्तमान में जिला खेल अधिकारी के पद पर कार्यरत बाक्सिंग कोच नरेश कुमार बताते हैं कि जब आशीष चौधरी मुश्किल से 13 साल का था तभी एक दिन उसके पिता भगत राम उसे अंगुली से पकड़ कर सुंदरनगर स्थित महाराजा लक्ष्मण सेन स्मारक महाविद्यालय में बाक्सिंग सेंटर लेकर आए थे। भगत राम उनसे कहते थे कि बेटे को ओलंपिक के लिए तैयार करना है। आशीष ने पिता के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। यही वजह है कि वह मंजिल तक पहुंचा है।
बाक्सिंग कोच नरेश कुमार के तराशे गए खिलाडिय़ों में से चार खिलाडिय़ों को सर्वोत्तम खेल पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। पांच खिलाडिय़ों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया है। ओलंपिक में भाग लेने वाले आशीष चौधरी भी इन खिलाडिय़ों में से एक हैं। आशीष चौधरी ने सुंदरनगर के बाद हरियाणा में भी मुक्केबाजी में खुद को और मजबूत किया।