बलिदानी अमरनाथ को आज किया जा रहा खनियारा में याद, पाकिस्तान से लौहा लेते हुए आज के दिन हुए थे शहीद

खनियारा के शहीद अमरनाथ का आज 56वां शहीदी दिवस है। आज ही के दिन दुश्मन से लोहा लेते हुए वह शहीद हुए थे। यह घटना दो दिसंबर 1965 की है जब पाकिस्तान के साथ युद्ध का विगुल बजा था।

By Richa RanaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 10:03 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 10:03 AM (IST)
बलिदानी अमरनाथ को आज किया जा रहा खनियारा में याद, पाकिस्तान से लौहा लेते हुए आज के दिन हुए थे शहीद
खनियारा के शहीद अमरनाथ का आज 56वां शहीदी दिवस है।

धर्मशाला, नीरज व्यास। खनियारा के शहीद अमरनाथ का आज 56वां शहीदी दिवस है। आज ही के दिन दुश्मन से लोहा लेते हुए वह शहीद हुए थे। यह घटना दो दिसंबर 1965 की है जब पाकिस्तान के साथ युद्ध का विगुल बजा था। यह वह वीर है जो घर शादी के लिए छुट्टी पर आया था और युद्ध का घोषणा होने के साथ ही अपने विवाह के मात्र चार दिन में ही वापस सेना में लौट गया।

यह कहकर गया था वापस आऊंगा पर नहीं लौटा। दुश्मन से लोहा लेते हुए मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। खनियारा शहीद वाटिका विकास समिति की ओर से इस वीर शहीद को आज याद किया जा रहा है। इ सके अलावा खनियारा के अन्य संगठन आज श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। यह जानकारी समिति के प्रधान नीरज कुमार व महासचिव वीर सिंह, राजेश गोरा, राजेंद्र हिप्पी ने संयुक्त रूप से दी। उन्होंने बताया कि इस वीर योद्धा की वीरगाथा भावी व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।

शहीद अमरनाथ का जीवन परिचय

अमर नाथ का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। बचपन से ही सेना में जाने का जज्बा था और बहुत सुंदर भी थे। खेलकूद व हर काम में सक्रिय व चुस्त थे। सेना में भर्ती हो गए और ग्रेनेडियर में अपनी सेवाएं देना शुरू कर दी। स्वजनों ने विवाह तय किया तो जब घर में विवाह का उत्सव मनाया जा रहा था, धाम के दूसरे ही दिन सेना से सूचना मिली की पाकिस्तान के साथ युद्ध का विगुल बज गया है और सभी सैनिक जो भी छुट्टी पर हैं वापस लौट आएं। अभी शादी को चार दिन ही बीते थे की अपनी नवविवाहिता को चौथे ही दिन घर पर छोड़ मातृभूमि की रक्षा के लिए वापस लौट गए। पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ। वीर सैनिक अमरनाथ ने कई दुश्मनों को ढेर किया और अपने अदम्य साहस का परिचय दुश्मन को करवाया बाद में वहीं शहीद हो गए।

अमर नाथ सुपुत्र सादो राम व बसां देवी, सेकेंड ग्रेनेडियर 2 दिसंबर 1965 को शहीद हुए। उनका विवाह गीता देवी से हुआ था, इस वीर नारी ने ताउम्र अपने पति की याद में सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देते हुए बिता दी। दूसरी शादी नहीं की। महिला आज अपने मायके में है। अमर नाथ जी के माता पिता इस दुनिया में नहीं हैं। शहीद अमरनाथ का सगा भाई बहन नहीं है पर चाचा व ताया के बेटे व भाई अभी भी खनियारा में हैं। शहीद अमरनाथ जी बटवाल समुदाय से संबंध रखते हैं। समुदाय के लोग व क्षेत्र के लोग इस वीर योद्धा को आज श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

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