Shimla Buildinig Collapse: कोटखाई में गिरा तीन मंजिला भवन, खतरा देख पहले ही खाली करवा दी थी बिल्डिंग

Shimla Buildinig Collapse शिमला जिला के तहत पड़ने वाले कोटखाई क्षेत्र के कोकूनाला में तीन मंजिला भवन धराशायी हो गया। घटना शनिवार देर रात पेश आई। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 10:54 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 10:54 AM (IST)
Shimla Buildinig Collapse: कोटखाई में गिरा तीन मंजिला भवन, खतरा देख पहले ही खाली करवा दी थी बिल्डिंग
शिमला जिला के तहत पड़ने वाले कोटखाई क्षेत्र के कोकूनाला में तीन मंजिला भवन धराशायी हो गया।

शिमला, जागरण संवाददाता। Shimla Buildinig Collapse, शिमला जिला के तहत पड़ने वाले कोटखाई क्षेत्र के कोकूनाला में तीन मंजिला भवन धराशायी हो गया। घटना शनिवार देर रात पेश आई। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। पुलिस ने भवन को खतरा देख शनिवार को करीब 4 बजे ही पूरा खाली करवा दिया था। यह भवन नेशनल हाईवे के बिल्कुल साथ था। ऐसे में पुलिस के जवानों को यहां पर तैनात कर दिया था। रात के समय यह भवन गिर गया। पुलिस से प्राप्त सूचना के अनुसार यह भवन विकास सूद नाम के व्यक्ति का था। इसके धरातल मंजिल पर वर्कशाप थी। इसके अलावा ऊपर की दो मंजिलों पर विकास सूद अपने परिवार के साथ रहता था।

पुलिस के अनुसार भवन के साथ काफी समय से कंस्ट्रक्शन का काम चला हुआ था। खोदाई के लिए यहां पर जेसीबी मशीन लगाई हुई थी। इस कारण यह भवन की नींव हिल गई और इसकी दीवारों में दरारें आ गई थी। भवन को खतरा होता देख इसे खाली करवा दिया गया। ग्राउंड फ्लोर पर वर्कशाप थी, इसे भी खाली करवा दिया गया था इसमें गाड़ियां और अन्य मशीनरियों को पहले ही निकाल दिया था।

एसएचओ कोटखाई रविंद्र कुमार ने बताया कि बीते रात की यह घटना है। इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा नेशनल हाईवे के साथ यह भवन लगता है। ऐसे में पुलिस के जवानों को पहले ही तैनात कर दिया था। भवन का कुछ हिस्सा सड़क पर गिरा है। जिसके चलते मार्ग को वनवे किया गया था। अब यहां पर वाहन सुचारू रूप से चलाए जा रहें है।

कंस्ट्रक्शन करते पूरी सावधानी बरतने के निर्देश

राज्य लोक निर्माण विभाग ने लोगों को कंस्ट्रक्शन के दौरान पूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार खोदाई के लिए जब बड़ी मशीनें लगाई जाती हैं तो जमीन में कंपन होती है। आसपास के भवनों को इससे खतरा हो सकता है। ऐसे में खोदाई वैज्ञानिक तरीके से ही करनी चाहिए।

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