नवमी से 12वीं कक्षा के हजारों छात्रों ने दिया बेसलाइन टेस्ट
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा नवमी से 12वीं के बच्चों के लिए सोमवार को बेसलाइन टेस्ट का आयोजन किया गया। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले हजारों छात्रों ने इस टेस्ट में भाग लिया। बच्चों से टेस्ट में पिछली कक्षाओं के ही सवाल पूछे गए थे।
शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा नवमी से 12वीं के बच्चों के लिए सोमवार को बेसलाइन टेस्ट का आयोजन किया गया। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले हजारों छात्रों ने इस टेस्ट में भाग लिया। बच्चों से टेस्ट में पिछली कक्षाओं के ही सवाल पूछे गए थे। समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) की ओर से स्कूलों को वर्कशीट भेजी गई। इसे स्कूल प्रधानाचार्यों ने वाटसएस ग्रुप के माध्यम से बच्चों को भेजा। सुबह दस बजे से यह टेस्ट शुरू हुआ। इसमें छात्रों से पिछली कक्षाओं के सवाल पूछे गए। अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, ङ्क्षहदी जैसे विषयों में बच्चों में क्या खामियां है इसे देखा गया। शिक्षक इस टेस्ट का मूल्यांकन कर हर बच्चें का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे। इसमें देखा जाएगा कि कितने बच्चें किस विषय में कमजोर है। मंगलवार से इसके लिए रैमेडियल कार्यक्रम शुरू होगा। इसमें बच्चों के लिए ऑनलाइन माध्यम से एक्सट्रा कक्षाएं लगाई जाएगी। शैक्षणिक सत्र 2020-21 में बच्चों की ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करवाई गई है। इसमें जो खामियां रही है उसे 30 दिन में दूर किया जाएगा।
रैमेडियल कार्यक्रम के तहत बच्चों में कितना सुधार हुआ, इसका आकलन किया जाएगा। एसएसए की ओर से 30 मई को दोबारा एंडलाइन टेस्ट करवाया जाएगा। इसमें देखा जाएगा कि बेसलाइन टेस्ट में बच्चों में जो खामियां थीं, वे दूर हुई या नहीं। मंगलवार से रोजाना हर घर पाठशाला कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन रेमेडियल (उपचारात्मक) कक्षाएं लगाकर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। शिक्षकों के अनुसार कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया गया। इससे लिखने और पढऩे में काफी नुकसान हुआ है। इस कार्यक्रम के तहत दसवीं और जमा दो के विद्यार्थियों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। दोनों ही बोर्ड की कक्षाएं है। विभाग का कहना है कि यदि अभी इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसका खामियाजा वार्षिक परीक्षाओं में भुगतना पड़ सकता है।
ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करने के दिए निर्देश : सचिव
सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षकों को कहा गया है कि वह बच्चों और उनके अभिभावकों से से बात कर उनका फीडबैक भी ले ताकि इसमें और ज्यादा सुधार किया जा सके।