इस बार इंजीनियरिंग व फार्मेसी छात्रों को नहीं देना पड़ेगा विलंब शुल्क

हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश के बहुतकनीकी कालेजों में पढऩे वाले इंजीनियरिंग व फार्मेसी के छात्रों को बड़ी राहत दी है बोर्ड ने फैसला लिया है कि इस साल सेमेस्टर परीक्षा के फार्म जमा करने में देरी होने पर भी विद्यार्थियों से विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 11:45 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 11:45 PM (IST)
इस बार इंजीनियरिंग व फार्मेसी छात्रों को नहीं देना पड़ेगा विलंब शुल्क
इंजीनियरिंग व फामेर्सी के छात्रों को विलंब शुल्क से राहत। प्रतीकात्मक

मुनीष गारिया, धर्मशाला। कोरोना काल के बीच हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश के बहुतकनीकी कालेजों में पढऩे वाले इंजीनियरिंग व फार्मेसी के छात्रों को बड़ी राहत दी है बोर्ड ने फैसला लिया है कि इस साल सेमेस्टर परीक्षा के फार्म जमा करने में देरी होने पर भी विद्यार्थियों से विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस साल होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं के किसी तरह का विलंब शुल्क छात्रों को नहीं देना होगा। दूसरी बड़ी राहत यह दी है कि इस बार परीक्षा आरंभ होने के 10 दिन पूर्व तक तक भी छात्र आवेदन पत्र बिना विलंब शुल्क के जमा करवा सकते हैं।

कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। प्रदेश के आदेशों के अनुसार 14 मई तक सभी संस्थान बंद रहेंगे। हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने जुलाई व अगस्त माह के संचालित की जाने वाली बहुतकनीकी सेमेस्टर परीक्षा के लिए फार्म भरने की तिथि फिर बढ़ा दी है। बहुतकनीकी संस्थान के पहले, छठे सेमेस्टर और फार्मेसी के पहले व दूसरे वर्ष के सभी नियमित व रि-अपीयर परीक्षा अब 30 जून तक बिना विलंब भी शुल्क अपने फार्म जमा करवा सकता है और आवेदन शुल्क जमा करवा सकता है।

यहां बता दें कि प्रति सेमेस्टर बोर्ड की ओर से 400 रुपये फीस होती है, जबकि निर्धारित तिथि तक परीक्षा फार्म जमा न करवाने वाले छात्रों को दो हजार रुपये विलंब शुल्क भरना पड़ता है।

हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव आरके शर्मा ने बताया कि कई संस्थानों के मुखियों की फोन आ रहे थे कि उन्हें बच्चे बता रहें है कि किन्हीं कारणों से वह अभी तक अपने फार्म व फीस जमा नहीं करवा पाए हैं। इसको देखते हुए बोर्ड ने आवेदन तिथि बढ़ाई है। कोरोना काल में बोर्ड ने विलंब शुल्क खत्म कर दिया है। इससे बच्चों के अभिभावकों को राहत मिलेगी और उन पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

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