खेती करने वाले स्वयं सहायता समूहों की करेंगे मदद
संवाद सूत्र डाडासीबा समाजसेवी व वीआर मैरीटाइम शिपिग कंपनी के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय
संवाद सूत्र, डाडासीबा : समाजसेवी व वीआर मैरीटाइम शिपिग कंपनी के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय पराशर ने कहा है कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में खेती से मुंह मोड़ चुके लोग इजरायल के किसानों से काफी कुछ सीख सकते हैं। आज इजरायल की खेती व तकनीक का डंका पूरी दुनिया में है। इसके साथ ही दिलचस्प यह भी है कि वहां के किसान मरूस्थल में मछली पालन तक का व्यवसाय कर रहे हैं। रविवार को परागपुर विकास खंड के भड़ोली जदीद और चौली पंचायतों में सहकार भारती संस्था की ओर से महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पराशर ने कहा कि इस क्षेत्र की मिट्टी भी उपजाऊ है और कुछ दशक पहले तक सोना उगलती रही है, लेकिन जंगली जानवरों और बेसहारा पशुओं की ओर से फसलों को उजाड़ने के बाद क्षेत्र के कई किसानों ने खेती से धीरे-धीरे मुंह मोड़ लिया।
क्षेत्र में काफी ऐसी जमीन है, जिस पर हल चले हुए जमाना बीत गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के कुछ किसानों ने हर्बल खेती का सफल प्रयोग किया है और अब महिलाओं ने भी सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर ऐसी खेती करने का मन बनाया है, तो इसमे वह अपनी तरफ से पूरा सहयोग करेंगे और उन्नत किस्म के बीज व पौधे ऐसे स्वयं सहायता समूहों तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। इतना ही नहीं वह मिट्टी की किस्म का परीक्षण करवाने के लिए विशेषज्ञों की टीम को गांवों तक लाएंगे।
कार्यक्रम में आयुष विभाग के नोडल अधिकारी डा. सुनील ने बताया कि इन गांवों की जमीन अश्वगंधा, एलोवीरा और स्टीविया के लिए बिल्कुल अनुकूल है और ऐसी योजनाओं को सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है। हर्बल खेती किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन भी हो सकती है। कार्यक्रम में बीडीसी सदस्य अनुज शर्मा, प्रगतिशील किसान अजय कुमार, सुषमा, अनीता और मोनिका भी मौजूद रहे।