शिक्षा के मंदिरों में फिर बहेगी ज्ञान की गंगा

प्रदेश सरकार ने स्कूल व कोचिग सेंटर खोलने की स्वीकृति दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 05:29 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 05:29 AM (IST)
शिक्षा के मंदिरों में फिर बहेगी ज्ञान की गंगा
शिक्षा के मंदिरों में फिर बहेगी ज्ञान की गंगा

मुनीष गारिया, धर्मशाला

प्रदेश सरकार ने स्कूल व कोचिग सेंटर खोलने की स्वीकृति दी है। 26 जुलाई से सभी कोचिग सेंटर खुल जाएंगे और इस दिन से स्कूलों का स्टाफ भी आ जाएगा। दसवीं से जमा दो कक्षा तक के विद्यार्थियों को दो अगस्त से स्कूल बुलाया गया है। पांचवीं व आठवीं कक्षा के विद्यार्थी परामर्श लेने के लिए स्कूल आ सकते हैं।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोविड नियमों के विपरीत कोई भी संस्थान नहीं खुलेगा। इसके लिए शिक्षण संस्थानों के मुखिया व स्टाफ को प्लान तैयार करना होगा। इसके हिसाब से कक्षाओं का संचालन करना होगा। कोरोना महामारी के कारण काफी अर्से बाद स्कूल खुलेंगे। अध्यापकों में भी उत्साह है कि वे अब आफलाइन छात्रों से रू-ब-रू होंगे। शिक्षा उपनिदेशक ने निर्देश जारी किए हैं कि 26 जुलाई से दो अगस्त तक अध्यापक छात्रों की संख्या के हिसाब से प्लान तैयार करेंगे कि क्लास किस तरह से लगाई जाए कि शारीरिक दूरी के नियम का पालन होता रहे।

जमा एक के छात्रों की संख्या व सीटिग प्लान देखें स्कूल

जिले के कई स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्कूलों को कहा है कि जमा एक कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या और सीटिग प्लान को देखें। अगर बात नहीं बनी तो जमा एक व जमा दो कक्षा के विद्यार्थियों को अलग-अलग टाइम टेबल बनाकर बुलाया जाएगा।

ये होगी व्यवस्था

-एक डेस्क पर एक से अधिक छात्र नहीं बिठाए जाएंगे।

-जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त डेस्क खरीदे जाएंगे।

-गेट पर तैनात कर्मचारी हर छात्र की थर्मल स्कैनिंग करेगा।

-अगर किसी छात्र का तापमान अधिक पाया जाएगा उसे गेट से ही घर वापस भेज दिया जाएगा।

-बिना मास्क किसी भी छात्र को गेट से एंट्री नहीं दी जाएगी।

-स्कूल गेट, मैदान व क्लासरूम के बाहर सैनिटाइजर स्टैंड लगाया जाएगा।

-हर छात्र के पास भी सैनिटाइजर होना चाहिए।

स्कूलों की सफाई चुनौती

मार्च में स्कूल खुले थे लेकिन कुछ दिन बाद कोरोना के कारण फिर बंद करने पड़े थे। स्कूल परिसर व आसपास घास व झाड़ियों का सामाज्य है। 26 जुलाई से दो अगस्त तक इसे दुरुस्त करने के लिए कहा है लेकिन फंड के अभाव में स्कूल प्रबंधन को साफ-सफाई करवाना टेडी खीर से कम नहीं है। सबसे बड़ी चुनौती तो राजकीय प्राथमिक पाठशाला के लिए होगी।

जिले में स्कूलों की स्थिति

-राजकीय प्राथमिक पाठशालाएं : 1710

-राजकीय उच्च विद्यालय : 196

-राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं : 350

-निजी स्कूल : 630

::::::::::::::::::::::::::::::::::::

क्या कहते हैं शिक्षक

लंबे समय बाद विद्यार्थियों के साथ आमने सामने बैठकर पढ़ाने का अवसर मिलेगा। छात्रों के बिना शिक्षक का कोई बजूद नहीं है। नए जोश के साथ व्यवस्था बनाकर कक्षाएं लगाई जाएंगी। विद्यार्थियों के आने से पहले प्लानिग व साफ-सफाई मुख्य बिदू रहेगा।

-नरेश कुमार आफलाइन विद्यार्थियों को पढ़ाने को लेकर उत्साह तो है लेकिन डर यह भी है कि कहीं कोरोना की संभावित तीसरी लहर न आ जाए। लंबे समय बाद स्कूल भी विद्यार्थियों की आवाज से गूंजेंगे। यह शोर ही अध्यापकों के लिए सब कुछ होता है।

-सुरेंद्र कंदौरिया

::::::::::::::::::::::::::::::::

सरकार के फैसले के बाद कोचिग सेंटर के कमरों को सैनिटाइज किया जा रहा है। प्रशिक्षुओं के आने के बाद भी दिन में दो बार कमरों को सैनिटाइज किया जाएगा। हर कमरे के बाहर सैनिटाइजर स्टैंड लगाए हैं और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था भी की है।

-मुनीष भारद्वाज, प्रबंधक, एससीए कोचिग सेंटर धर्मशाला हमारे कोचिग सेंटर में प्रतियोगी परीक्षाओं व दसवीं के बाद की परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रशिक्षु व विद्यार्थी आते हैं। कोचिग सेंटर में पहले से ही सैनिटाजेशन, थर्मल स्कैनिंग व शारीरिक दूरी रखने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

-डा. गुलशन, संचालक, ई-विग्ज अकादमी

::::::::::::::::::::::::::::::::

मार्च में स्कूलों ने माइक्रो प्लानिग तय की थी। उसके हिसाब से स्कूल खुलेंगे। बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता रहेगी। उपनिदेशक कार्यालय की टीमें स्कूलों का निरीक्षण करेंगी। जरूरत पड़ी तो जमा एक कक्षा के टाइम टेबल में बदलाव किया जाएगा।

-रेखा कपूर, उपनिदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, कांगड़ा

chat bot
आपका साथी