Kinnaur Landslide : चालक नहीं सुन पाया जिंदगी के लिए लगाई आवाजें, चंद सेकंड में बने काल का ग्रास

स्थानीय लोगों ने पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर गिरते देख जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। वे चीख-चीख कर कहते रहे भागो-भागो....लेकिन ट्रैवलर का चालक उनकी एक भी आवाज नहीं सुन पाया। चंद ही सेकंड में वह पत्थरों की चपेट में आ गया।

By Virender KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:00 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:00 PM (IST)
Kinnaur Landslide : चालक नहीं सुन पाया जिंदगी के लिए लगाई आवाजें, चंद सेकंड में बने काल का ग्रास
चंद सेकंड में ही गिरते पत्‍थरों ने पर्यटकों को चपेट में ले लिया। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। किन्नौर हादसा एक साथ कई परिवारों को कभी न भूलने वाले गहरे जख्म दे गया है। स्थानीय लोगों ने पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर गिरते देख जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। वे चीख-चीख कर कहते रहे भागो-भागो....लेकिन ट्रैवलर का चालक उनकी एक भी आवाज नहीं सुन पाया। चंद ही सेकंड में वह पत्थरों की चपेट में आ गया।

देश के विभिन्न राज्यों से सुकून की तलाश में ये लोग किन्नौर भ्रमण के लिए आए थे, लेकिन उन्हें इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि उनके रोमांच का यह सफर अंतिम होगा। दिल्ली की टूअर एंड ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से इन्होंने ट्रैवलर में सीटें बुक करवाई थी। इसमें एक परिवार के तीन लोग शामिल थे। रविवार सुबह यह छित्तकुल पहुंचे। सांगला रोड से कल्पा की ओर जा रहे थे।

खतरे से कम नहीं हिमाचल के खूबसूरत पर्यटन स्थल

मैदानी इलाकों में तपती गर्मी से निजात और सुकून की तलाश में हर साल लाखों की तादात में पर्यटक पहाड़ों का रुख करते हैं। हिमाचल में एक से बढ़कर एक खूबसूरत पर्यटक स्थल हंै। सुंदरता के साथ ये पर्यटक स्थल बरसात के दिनों में उतने ही खतरनाक भी हैं। खासकर जनजातीय क्षेत्र। ट्राइबल टूरिज्म के लिए हर साल बरसात के दिनों में पर्यटक घूमने के लिए किन्नौर और लाहुल-स्पीति का रुख करते हैं। यहां सब कुछ है सिवाए सुरक्षा के। इसके लिए वालंटियर तो दूर कहीं संकेतक भी नहीं हैं।

खेत में काम कर रहा था रणजीत

किन्नौर के बटसेरी का रहने वाला रणजीत ङ्क्षसह खेतों में काम कर रहा था। उसका खेत हादसे वाली जगह के ठीक नीचे है। काम करते वक्त उपर से पत्थर गिरने लगे। लोगों की आवाजें सुनने के बाद वह मौके से भागने लगा। इसी बीच वह पत्थरों की चपेट में आ गया। टांग पर बड़ा पत्थर लगने से वह घायल हो गया। उसे उपचार के लिए रामपुर अस्पताल शिफ्ट किया गया है।

एक ही परिवार के तीन लोग बने काल का ग्रास

राजस्थान के एक ही परिवार के तीन लोग काल का ग्रास बने हैं। इसमें 55 वर्षीय माया देवी बियानी अपने दो बच्चों अनुराग और ऋचा के साथ घूमने किन्नौर आए थे।

पावर प्रोजेक्ट और अंधाधुंध कंस्ट्रक्शन से बिगड़ रहे हालात

किन्नौर जिला में भूस्खलन के कारण पेश आया हादसा कोई पहली घटना नहीं है। बरसात, बारिश और बर्फबारी में यहां पर इस तरह की घटनाएं आम देखने को मिलती है। जानकारों की माने तो जिला में लग रहे पावर प्रोजेक्ट के लिए जो ब्लाङ्क्षस्टग की जाती है उससे यहां के पहाड़ों की मिट्टी भूरभूरी हो रही है।

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