शिमला के व्यापार में छिड़ी वर्चस्व की जंग, दूसरे गुट ने भी किया चुनाव का ऐलान

राजधानी शिमला के कवलजीत ङ्क्षसह धड़े के व्यापार मंडल ने शहर में कारोबारियों के चुनाव पांच सितंबर को करवाने का ऐलान कर शहर की राजनीति को फिर से गरमा दिया है। मंगलवार को शिमला में हुई बैठक के दौरान कारोबारियों ने यह फैसला लिया।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:45 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:45 PM (IST)
शिमला के व्यापार में छिड़ी वर्चस्व की जंग, दूसरे गुट ने भी किया चुनाव का ऐलान
शिमला में कारोबारियों का एक धड़ा बैठक करते हुए। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। राजधानी शिमला के कवलजीत ङ्क्षसह धड़े के व्यापार मंडल ने शहर में कारोबारियों के चुनाव पांच सितंबर को करवाने का ऐलान कर शहर की राजनीति को फिर से गरमा दिया है। मंगलवार को शिमला में हुई बैठक के दौरान कारोबारियों ने यह फैसला लिया। इनका तर्क है कि दूसरे गुट ने आमसभा कर वर्तमान कार्यकारिणी को एक साल का सेवा विस्तार देकर कार्यों के साथ अन्याय किया है। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। बैठक में कवलजीत से लेकर अश्विनी मिनोचा, दीपक श्रीधर, अरुण कुठियाला से लेकर कई अन्य कारोबारी भी मौजूद थे। अरुण कुठियाला को मुख्य चुनाव अधिकारी बनाया गया है।

चुनाव करवाने के लिए टीम का ऐलान वीरवार को किया जाएगा। इसी दिन चुनाव का पूरा शेड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा। राजधानी में कारोबारियों के दोनों धड़ों के बीच लंबे समय से जंग चल रही है। रविवार को ही इंद्रजीत ङ्क्षसह को जनरल हाउस में वर्तमान कार्यकारिणी को एक साल का सेवा विस्तार दिया था। इसके बाद दूसरा धड़ा भी सक्रिय हो गया है।

राजधानी से बाहर के कारोबारी नहीं ले सकेंगे चुनाव में हिस्सा

कवलजीत धड़े के व्यापार मंडल में शिमला विधानसभा हलके के बाहर के कारोबारी हिस्सा नहीं ले सकेंगे। बैठक में फैसला लिया कि शिमला विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्र के कारोबारियों को इसमें वोङ्क्षटग का अधिकार होगा।

सभी आम सभा में थे मौजूद, अब कारोबारियों को कर रहे गुमराह

व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत ङ्क्षसह ने कहा कि मंगलवार को जिन कारोबारियों ने बैठक की है। वे सभी रविवार की आमसभा में मौजूद थे। इनकी मौजूदगी में ही एक साल का सेवाविस्तार देने का फैसला लिया था। जो चुनाव करवाने की बात कर रहे हैं, वे दो महीने पहले ही अपनी चुनाव समिति को रद कर चुके हैं। ऐसे में इनका अब चुनाव की घोषणा महज कारोबारियों को गुमराह करना ही है।

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