जेई भर्ती विवाद: अब बाहर हुए जेई सुप्रीमकोर्ट में दायर करेंगे रिव्यू पीटिशन

लोक निर्माण विभाग में करीब पौने दो साल नौकरी करने के बाद हटाए 82 कनिष्ठ अभियंता (जेई) अब न्याय के लिए सुप्रीमकोर्ट में रिव्यू पीटिशन दायर करेंगे। इनके हितों की पैरवी जेई एसोसिएशन करेगी। नौकरी बाहर हुए जेई कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 09:34 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 09:34 PM (IST)
जेई भर्ती विवाद: अब बाहर हुए जेई सुप्रीमकोर्ट में दायर करेंगे रिव्यू पीटिशन
जेई भर्ती विवाद: अब बाहर हुए जेई सुप्रीमकोर्ट में दायर करेंगे रिव्यू पीटिशन। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। लोक निर्माण विभाग में करीब पौने दो साल नौकरी करने के बाद हटाए 82 कनिष्ठ अभियंता (जेई) अब न्याय के लिए सुप्रीमकोर्ट में रिव्यू पीटिशन दायर करेंगे। इनके हितों की पैरवी जेई एसोसिएशन करेगी। नौकरी बाहर हुए जेई कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से गुहार लगाई है कि इनके हितों की रक्षा की जाए। इनके लिए सरकार विशेष नीति बनाएं। चाहे विभागीय परीक्षा रखें या अन्य टेस्ट, इन्हें दोबारा से सरकारी सेवाओं में लाया जाए, क्योंकि अब ये बेरोजगारों की श्रेणी में आ गए हैं। इनमें से 26 की दोबारा नियुक्त हो गई है। बाकी 56 सड़क पर आ गए हैं। एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार सीता राम ठाकुर ने कहा कि कोर्ट के आदेश से ही डिप्लोमाधारकों को रखा गया। अब कोर्ट के ही आदेश से डिग्रीधारकों को रखा गया है। इसमें डिप्लोमाधारक बाहर हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार पूरे मसले पर आंखे मूंद कर नहीं रख सकती है। इसमें सरकार को दखल देना चाहिए।

मेरिट लिस्ट संशोधित, सेवा शर्ते पुरानी, भर्ती हो गए गैर हिमाचली

कर्मचारी चयन आयोग ने सुप्रीमकोर्ट से आए ताजा फैसले के बाद पुरानी मेरिट लिस्ट संशोधित की, लेकिन सेवा शर्तें पहले वाली रखीं। ये वर्ष 2018 की ही रखीं, जब जेई के पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इससे गैरहिमाचली भर्ती हो गए। अगर पदों को दोबारा विज्ञापित किया जाता तो बाहरी व्यक्ति चयनित न हो पाते। हालांकि आयोग का पक्ष है कि भर्ती नियमों के दायरे में हुई है। परीक्षा 2019 में हुई थी। जबकि लिखित का नतीजा निकला, उसी बीच कोर्ट को डिप्लोमाधारकों के पक्ष में फैसला आया। इससे डिग्रीधारक कंसीडर नहीं हो पाए, उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई। डिग्रीधारक हाईकोर्ट गए। वहां से जीते तो सरकार सुप्रीमकोर्ट गई। वहां से डिग्रीधारकों को राहत मिली। डिग्री और डिप्लोमा का विवाद अब और गहरा गया है।

कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे। हमारे कई साथी दूसरे विभागों से नौकरी छोड़ कर आए थे। कुछ निजी कंपनी में नौकरी करते थे। अब बेरोजगार हो गए हैं। वकीलों से सलाह मशविरा कर रहे हैं, जल्द ही कोर्ट जाएंगे।

-पीयूष कुमार, बाहर हुए जेई।

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