शिक्षकों की डांट ने अनुपम खेर को सिखाए अहम सबक

अभिनेता अनुपम खेर स्कूल के दिनों की यादें ताजा करने के लिए शुक्रवार को लक्कड़ बाजार स्थित डीएवी स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने शिक्षकों से मुलाकात की। पत्रकारों से बातचीत में बताया कि स्कूल में पढ़ते हुए एक बार उन्होंने दिलीप कुमार की फिल्म देखने के लिए बंक मारा था।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:10 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:10 PM (IST)
शिक्षकों की डांट ने अनुपम खेर को सिखाए अहम सबक
डीएवी स्कूल लक्कड़ बाजार के बाहर प्रशंसक के साथ सेल्फी खिंचवाते अनुपम खेर। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। अभिनेता अनुपम खेर स्कूल के दिनों की यादें ताजा करने के लिए शुक्रवार को लक्कड़ बाजार स्थित डीएवी स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने शिक्षकों से मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि स्कूल में पढ़ते हुए एक बार उन्होंने दिलीप कुमार की फिल्म देखने के लिए बंक मारा था। स्कूल पार्लियामेंट के बच्चों ने वापस पकड़कर स्कूल पहुंचाया तो शिक्षक रामलाल से डंडे पड़े। फिर सोचा कि मार तो पड़ ही चुकी है, इंटरवल के बाद की फिल्म के लिए फिर से बंक मारा जाए। हालांकि दोबारा स्कूल में शिक्षक ने डांटा।

अनुपम खेर ने बताया कि शिक्षक की डांट व डंडे पडऩे की सजा ने जिंदगी के महत्वपूर्ण सबक सिखाए। आजकल के बच्चों को पीटना तो दूर डांटना भी मुश्किल है। एक बार नौवीं कक्षा की परीक्षा में 60 बच्चों में से 59वां रंैक आने पर जब पिताजी से साइन करवाने गया तो उन्होंने प्यार से समझाते हुए एक सीख दी कि व्यक्ति को हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में हर जानकारी गूगल पर आसानी से मिल जाती है और ज्ञान पाने के लिए सही तरीके से जिंदगी जीना जरूरी है। अनुपम खेर माता दुलारी के साथ शिमला अपने घर आए हैं। वीरवार को वह सड़क से शिमला पहुंचे थे। शुक्रवार को शिमला की सड़कों पर घूमते हुए प्रशंसकों के साथ फोटो ली और बातें की।

काफी हाउस में पी काफी

स्कूल जाने से पहले अभिनेता ने इंडियन काफी हाउस में काफी पी। अभिनेता ने रिज और मालरोड की सैर भी की। शिमला आकर उन्होंने नाभा के पुश्तैनी घर, रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर बिताए लम्हों को याद किया। शुक्रवार को वे अपने दोस्तों के साथ यादें ताजा करने स्कूल पहुंचे। स्कूल में उन्होंने प्रधानाचार्या से आग्रह किया कि स्कूल से निकलकर बड़े मुकाम हासिल कर चुके पुराने छात्रों की याद स्कूल में बनी रहने के लिए व्यवस्था करें, ताकि स्कूल के विद्यार्थियों को नया करने की प्रेरणा मिल सके।

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