अध्यापकों की को कोविड ड्यूटी में मनमानी का विरोध

कोरोना काल में प्रदेश सरकार ने शिक्षकों ने कोविड-19 कंट्रोल रूम में डयूटी लगाई हैं। शिक्षकों का आरोप है कि ड्यूटी लगाने में मनमानी की जा रही है और सभी के साथ एक समान व्यवहार नहीं किया जा रहा। अपने हिसाब से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई हैं।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:56 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:56 PM (IST)
अध्यापकों की को कोविड ड्यूटी में मनमानी का विरोध
शिक्षकों का आरोप, कोरोना ड्यूटी में मनमानी हो रही। प्रतीकात्मक

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में प्रदेश सरकार ने शिक्षकों ने कोविड-19 कंट्रोल रूम में डयूटी लगाई हैं। शिक्षकों का आरोप है कि ड्यूटी लगाने में मनमानी की जा रही है और सभी के साथ एक समान व्यवहार नहीं किया जा रहा। अपने हिसाब से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई हैं। कई शिक्षकों की लगातार एक माह तक डयूटी देनी पड़ी। कई स्थानों पर 15-15 दिन के बाद रोटेशन में डयूटी लगाई जा रहीं है। इसको लेकर अध्यापक संघ ने रोष प्रकट किया है।

हिमाचल राजकीय अध्यपाक संघ के ब्लाक अध्यक्ष विजय शमशेर ङ्क्षसह भंडारी, सचिव यशपाल, सुनील, शिवदेव, नरेश कुमार, प्रवीण कुमार, संजीव कुमार, अंजू राणा, मोनिका शर्मा, अर्पणा मोंगा, निशा कुमारी ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन से रोटेशन से सभी अध्यापकों की कोविड ड्यूटी लगाने की मांग की है।

उन्होंने जिला प्रशासन ने मांग की है कि जिन अध्यापकों की कोविड-19 ड्यूटी लगाई है, अब इन्हें कार्यभार मुक्त किया जाए। वर्तमान में कोविड ड्यूटी कर रहे अध्यापकों का एक माह पूरा होने को है और उनके विषयों के विद्यार्थी आनलाइन पढ़ाई में पीछे रह गए हैं। अब उन अध्यापकों की सेवाएं ली जाएं, जिनकी अभी तक किसी भी कंट्रोल रूम में ड्यूटी नहीं लगी है। इससे वर्तमान में ड्यूटी दे रहे शिक्षक भी अपने विषयों के आनलाइन पाठ्यक्रम को पूरा करवा सकें।

उनका कहना है कि जिला मुख्यालय के जिला कंट्रोल रूम में भी धर्मशाला के ही शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। इसमें 24 घंटे की दिन-रात की ड्यूटी भी शामिल है। बाकी उपमंडलों में वहां के उपमंडल के ही शिक्षक कार्यरत हैं और उनकी ड्यूटी 10-15 दिन के अंतराल में आ रही है। धर्मशाला में कई शिक्षकों की पहले 15 दिन उपमंडल कंट्रोल रूप में लगाई जा रही है, उन्हीं की ड्यूटी दोबारा धर्मशाला में स्थापित जिला कंट्रोल रूप में लगा दी जा रही है, जोकि सही नहीं है। उन्होंने शिक्षकों से हो रहे भेदभाव को दूर करने की मांग उठाई है।

chat bot
आपका साथी