रिजल्ट बनाने के फार्मूले से शिक्षक खफा, मिड टर्म परीक्षा में सख्‍त मूल्‍यांकन का दिया तर्क

Himachal board Result Formula कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा रद कर विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया है। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने रिजल्ट बनाने का फार्मूला भी तैयार कर दिया है। बोर्ड के फार्मूले से शिक्षक विद्यार्थी और अभिभावक खफा हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:40 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 08:40 AM (IST)
रिजल्ट बनाने के फार्मूले से शिक्षक खफा, मिड टर्म परीक्षा में सख्‍त मूल्‍यांकन का दिया तर्क
बोर्ड के इस फार्मूले से शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक खफा हैं।

शिमला,  जागरण संवाददाता। Himachal board Result Formula, कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा रद कर विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया है। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने रिजल्ट बनाने का फार्मूला भी तैयार कर दिया है। बोर्ड ने जो फार्मूला तैयार किया है उसके अनुसार प्री बोर्ड, पिछली कक्षा का रिजल्ट, मिड टर्म परीक्षा के आधार पर तैयार किया जाएगा। बोर्ड के इस फार्मूले से शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक खफा हैं। विरोध के बीच शिक्षा बोर्ड ने पेपरों का मूल्यांकन शुरू करवा दिया है।

शिक्षकों का कहना है कि 10वीं कक्षा के नतीजे भविष्य में बेहद महत्व रखते हैं। ऐसे में आनन-फानन में इसका फार्मूला तैयार करना गलत है। प्री बोर्ड और मिड टर्म परीक्षा को ज्यादा महत्व देने से मेधावी विद्यार्थियों को आने वाले दिनों में नुकसान न हो जाए। मिड टर्म परीक्षा में कई छात्र बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते। विद्यार्थियों  को कठिन पेपर और सख्त मूल्यांकन इसलिए किया जाता है, ताकि वे वार्षिक परीक्षा के लिए ज्यादा तैयारी करें। कई बार हाउस टेस्ट में वे अच्छा नहीं कर पाते लेकिन वार्षिक परीक्षाओं में अच्छी तैयारी करके बेहतर अंक हासिल करते हैं।

विद्यार्थी कहते हैं कि परीक्षा के आधार पर ही सालभर की मेहनत का सही आकलन हो पाता। यह फार्मूला उनकी समझ से परे हैं। वे समझ ही नहीं पा रहे हैं कि किस विषय में उनके कितने अंक आएंगे। इंटनरल असेसमेंट का आधार कैसे बनेगा, खासकर वे बच्चे जो मोबाइल न होने व नेटवर्क की दिक्कत के कारण आनलाइन कक्षा से जुड़ ही नहीं पाए। हालांकि कुछ विद्यार्थी इसे सही भी मान रहे हैं।

निजी स्कूलों ने प्री बोर्ड करवाया यह भी पता नहीं

निजी स्कूल प्री बोर्ड की परीक्षा करवाते ही नहीं। बोर्ड का कहना है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए पहले ही निर्देश दिए थे कि उससे मान्यता प्राप्त जितने भी निजी स्कूल हैं वो प्री बोर्ड की परीक्षाएं करवाए। बोर्ड का यह तर्क भी शिक्षकों के गले नहीं उतर रहा है।

सबकी राय से फार्मूले को अनुमति दी

हिमाचल प्रदेश स्‍कूल शिक्षा बोर्ड के अध्‍यक्ष सुरेश सोनी का कहना है 10वीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए बनाया गया फार्मूला सीबीएसई से अच्छा है। शिक्षक संगठनों, स्कूल प्रिंसिपल, निजी स्कूल प्रबंधन से अलग-अलग बैठकें की हैं। सभी के सुझाव लिए हैं। चर्चा के बाद ही सरकार के समक्ष इसकी प्रेजेंटेशन दी। इसके बाद ही फार्मूले को मंजूरी मिली है। कुछ स्वयंभू शिक्षक नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए इसका विरोध कर रहे हैं।

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