कोविड की चपेट में आए लोगों में टीबी संक्रमण की आशंका, स्‍वास्थ्‍य विभाग शुरू करेगा एसीएफ अभियान

TB Infection जिले में एक बार फिर टीबी की दर पता करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान (एसीएफ) फिर शुरू होगा। जिलेभर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के बीच अगस्त में यह अभियान धीमा पड़ गया था।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 06:46 AM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 07:47 AM (IST)
कोविड की चपेट में आए लोगों में टीबी संक्रमण की आशंका, स्‍वास्थ्‍य विभाग शुरू करेगा एसीएफ अभियान
एक बार फिर टीबी की दर पता करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान (एसीएफ) फिर शुरू होगा।

शिमला, जागरण संवाददाता। TB Infection, जिले में एक बार फिर टीबी की दर पता करने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान (एसीएफ) फिर शुरू होगा। जिलेभर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के बीच अगस्त में यह अभियान धीमा पड़ गया था। लेकिन सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार इसे अब फिर से शुरू किया जाएगा। सामान्य लोगों के साथ जो लोग कोरोना से उभर चुके हैं उनके भी सैंपल लिए जाएंगे। इसमें लंबे समय से खांसी व जुकाम के मरीजों के सैंपल लिए जाएंगे, ताकि जिले भर में टीबी संक्रमण का पता लग सके।

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में टीबी का खतरा बढ़ सकता है। इस आशंका के आधार पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से टीबी की जांच करने की अपील की है। जिन लोगों को कोरोना संक्रमण के बाद लंबे समय तक खांसी, जुकाम के लक्षण नजर आ रहे हैं, उन्हें टीबी की जांच करवाने को कहा जा रहा है।

जिला निगरानी अधिकारी डॉक्‍टर राकेश भारद्वाज का कहना है जिले में अभी तक 25 लोगों में टीबी का संक्रमण पाया गया है। विभाग ने सतर्कता बरतते हुए इसकी जांच बढ़ाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण होने के बाद खांसी, बुखार व जुकाम लंबे समय तक बरकरार रहे और अगर लक्षण न भी नजर आएं तो भी टीबी की जांच अवश्य करवाएं ताकि समय रहते मरीज को ईलाज मिल सके।

कोरोना संक्रमण फेफड़ों को प्रभावित करता है और लंबे समय तक संक्रमण बने रहने व खांसी रहने से टीबी की आशंका बढ़ जाती है। एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा आंगनवाड़ी वर्कर और आशा कार्यकर्ताओं को शामिल किया जा रहा है जिन्हें अपने इलाके में घर-घर जाकर लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करेंगे और लक्षणों वाले मरीजों के सैंपल लेने का जिम्मा सौंपा जाएगा।

टीबी के लक्षण व बचाव

टीबी यानि ट्यूबरकोलॉसिस एक संक्रामक रोग है। टीबी का बैक्टीरिया सांस से फैलता है। यह छींकने या खांसने पर मुंह से निकले कणों से भी फैलता है। तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी होना, खांसी में खून आना, सीने में दर्द या सांस लेने व खांसने में दर्द होना, लगातार वजन कम होना, चक्कर आना रात में पसीना आना, ठंड लगना और भूख न लगना टीबी के लक्षण हैं। टीबी की रोकथाम के लिए बच्चों को बीसीजी का टीका लगवाएं। लक्षण नजर आने पर अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। टीबी के मरीज के संपर्क में आने से बचें। उनका बेड, तौलिया शेयर न करें और एक ही कमरे में न सोएं। मास्क का इस्तेमाल करें। अगर किसी को टीबी डायग्नॉज हो तो वे सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें।

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