पहली से जमा दो तक का बदलेगा पाठ्यक्रम, डेडलाइन तय

हिमाचल प्रदेश में पहली से जमा दो कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किया जा रहा है। स्टेट काउंसिल आफएजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) सोलन इस संबंध में मसौदा तैयार करेगी।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 09:12 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 09:12 PM (IST)
पहली से जमा दो तक का बदलेगा पाठ्यक्रम, डेडलाइन तय
नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर। जागरण

शिमला,जागरण संवाददाता। हिमाचल में पहली से जमा दो कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव होगा। नई शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किया जा रहा है। स्टेट काउंसिल आफएजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) सोलन इसका मसौदा तैयार करेगी। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य सचिवालय में नई शिक्षा नीति की समीक्षा बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा कर डेडलाइन तय कर दी गई है।

एससीईआरटी 30 अप्रैल तक इसका पूरा प्रस्ताव तैयार कर एनसीईआरटी दिल्ली को भेजेगी। स्कूलों का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी तय करती है। प्रदेश सरकार 15 फीसद पाठ्यक्रम अपने हिसाब से तय कर सकती है। इसमें नए सिलेबस में प्रदेश की लोक संस्कृति, चंबा रूमाल का इतिहास आदि को शामिल करेगी। पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए एससीईआरटी एक कार्यशाला आयोजित करेगी, जिसमें सभी की राय ली जाएगी। एनसीईआरटी अगस्त 2022 तक इसे इंटीग्रेट करेगा। अप्रैल 2023 में नया पाठ्यक्रम लागू हो जाएगा। एससीईआरटी ने इसके लिए एक टीम गठित की है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नए पाठ्यक्रम में इंडियन नालेज सिस्टम को प्राथमिकता दी जाएगी।

नौ ब्रांड एंबेसडर नियुक्त होंगे

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही ढंग से लागू करने के लिए नौ ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किए जाएंगे, जो नीति को लागू करने के साथ सरकार को सुझाव भी देंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा नीति को लागू करने वाला हिमाचल पहला राज्य बना है। जिलास्तर पर बनी टास्क फोर्स को भी बढ़ाया जाएगा और एक माह भीतर इनकी संख्या 21 कर दी जाएगी। अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश में मल्टीपल एग्जिट प्रणाली को लागू किया जाएगा। प्री-स्कूल वोकेशनल शिक्षा लागू करने के लिए एक माह के भीतर सभी जिलों की स्किल मैपिंग कर दी जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत प्री प्राइमरी स्कूल शुरू होंगे। इसके लिए जल्द ही शिक्षकों की भर्ती होगी। प्री प्राइमरी को बढ़ावा देने के लिए अर्ली चाइल्डहुड सेंटर, आंगनबाड़ी, एनटीटी और प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उच्च शिक्षा में प्रशिक्षित अध्यापकों की नियुक्ति के लिए प्रशासनिक एवं तकनीकी सुधार किया जाएगा। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाओं को स्थानीय स्तर पर लेने का निर्णय भी लिया गया।

बीएड डिग्री का प्रारूप भी बदलेगा

नई शिक्षा नीति के तहत बीएड डिग्री का प्रारूप बदलेगा। इंटीग्रेटेड बीएड शुरू करने पर बैठक में चर्चा की गई। शिक्षा मंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि इसके लिए जल्द कार्य शुरू किया जाए।

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