सवर्ण आयोग के गठन की मांग पर गगरेट में निकाली पदयात्रा, धर्मशाला में विधायकों पर करेंगे गंगाजल छिड़काव

Swaran Samaj Padyatra सवर्ण नेताओं की सवर्ण आयोग के गठन को लेकर रविवार को गंगा जल यात्रा ज़िला ऊना पहुंची। सोमवार को विधानसभा गगरेट के मुख्य बाजार में निकाली गई। शिवबाड़ी से गगरेट बाज़ार और गगरेट से दौलतपुर सड़क मार्ग से होते हुए डीएवी अम्बोटा चौक तक पैदल यात्रा की।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 01:18 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 01:58 PM (IST)
सवर्ण आयोग के गठन की मांग पर गगरेट में निकाली पदयात्रा, धर्मशाला में विधायकों पर करेंगे गंगाजल छिड़काव
सवर्ण नेताओं की ओर से सवर्ण आयोग के गठन को लेकर गंगा जल यात्रा गगरेट पहुंची।

गगरेट, संवाद सहयोगी। Swaran Samaj Padyatra, सवर्ण नेताओं की ओर से सवर्ण आयोग के गठन को लेकर रविवार को गंगा जल यात्रा ज़िला ऊना पहुंची। सोमवार को विधानसभा गगरेट के मुख्य बाजार में निकाली गई। इस यात्रा में सवर्ण नेताओं की ओर से शिवबाड़ी से गगरेट बाज़ार और गगरेट से दौलतपुर सड़क मार्ग से होते हुए डीएवी अम्बोटा चौक तक पैदल यात्रा की। उसके बाद यह पैदल यात्रा वापस शिबबाड़ी पहुंची। इस यात्रा में क्षेत्र के सवर्ण नेताओं ने भी भाग लिया। सवर्ण समाज अधिकार पदयात्रा को दो मुख्य संगठन निकाल रहे हैं, जिसमें देवभूमि क्षत्रिय संगठन व देवभूमि सवर्ण मोर्चा द्वारा संचालित किया जा रहा है। ये संगठन हरिद्वार से गंगाजल लेकर धर्मशाला जा रहे हैं वहां पर 10 दिसंबर को जब विधानसभा सत्र की शुरुआत धर्मशाला में होगी तो प्रदेश के 68 विधायकों में से 67 पर गंगाजल छिड़काव करेंगे।

सिर्फ एक विधायक विक्रमदित्य को इसलिए छिड़काव नही करेंगे, क्योंकि उन्होंने सवर्ण मोर्चा की आवाज को विधानसभा में उठाया। सवर्ण समाज के लोग अपनी तीन मांगों को लेकर ये यात्रा कर रहे हैं, जिसमें जातिगत आरक्षण को समाप्त करना, सवर्ण आयोग का गठन करना व एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन की मांग की जा रही है।

सवर्ण समाज अधिकार पदयात्रा के संगठन देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रोमित ठाकुर, देवभूमि सवर्ण मोर्चा के अध्यक्ष मदन ठाकुर, दोनों संगठन के आईटी एवं सोशल मीडिया सयोजक दीपक चौहान व ज़िला ऊना के अध्यक्ष विनोद डढवाल ने जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि क्षत्रिय समाज योद्धा समाज है। अपने अधिकार लेने के लिए जिस हद तक जाना पड़ा वह जाएंगे। आरक्षण समाज को खोखला बना रहा है योग्य युवा बेरोजगार हो रहे हैं।

सवर्ण समाज अपनी आवाज कहां उठाए उसके लिए आयोग का गठन बेहद जरूरी है और जब कोई नियम कानून न चले तो सवर्ण समाज के लोगों को एट्रोसिटी एक्ट में फंसा दिया जाता है, क्योंकि इसमें सामने वाले को सफाई देने तक का मौका नहीं मिलता। इस कानून में संशोधन बेहद जरूरी है यदि कोई कानून अनुसार गलत साबित होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। लेकिन एफआइआर पर एकदम से गिरफ्तारी गलत है, उसमें आरोपित को अपना पक्ष देने के लिए समय दिया जाए, बस यह संशोधन की मांग सवर्ण समाज कर रहा है।

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