पांवटा विधानसभा क्षेत्र को पहली बार मिला मंत्री पद, जेई की नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे थे सुखराम चौधरी

Himachal Cabinet Expansion पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र को पहली बार सरकार में मंत्री पद मिला है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 01:12 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 01:12 PM (IST)
पांवटा विधानसभा क्षेत्र को पहली बार मिला मंत्री पद, जेई की नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे थे सुखराम चौधरी
पांवटा विधानसभा क्षेत्र को पहली बार मिला मंत्री पद, जेई की नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे थे सुखराम चौधरी

नाहन, राजन पुंडीर। पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र को पहली बार सरकार में मंत्री पद मिला है। देश की आजादी के बाद से आज तक पांवटा विधानसभा क्षेत्र को हिमाचल प्रदेश की किसी भी सरकार ने मंत्री पद नहीं दिया था। पांवटा साहिब से तीसरी बार विधानसभा पहुंचे चौधरी सुखराम हलके से मंत्री बनने वाले पहले विधायक हैं। चौधरी सुखराम को ओबीसी कोटे से मंत्री बनाया गया है ।चौधरी सुखराम ने गत वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में 27000 मतों की लीड भाजपा प्रत्‍याशी को दिलाई थी। 2017 में अपना चुनाव भी जिला सिरमौर में सर्वाधिक मतों से सुखराम चौधरी 12690 से जीतकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे थे।

जिला सिरमौर के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक सप्ताह में दूसरा बड़ा तोहफा दिया है। इससे पहले शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद तथा पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सुरेश कश्यप को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

नौकरी छोड़कर लड़ा था विधानसभा चुनाव

जिला सिरमौर के पांवटा साहिब से विधायक सुखराम चौधरी हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से 1998 में नौकरी छोडकर भाजपा में शामिल हुए। लंबे समय से आरएसएस से जुड़े सुखराम चौधरी ने पहला चुनाव 1998 में लड़ा, जो कि वह हार गए। उसके बाद वह सिरमौर भाजपा के जिला अध्यक्ष बने तथा भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष पद पर भी तैनात हैं। 2003 में पहली बार पांवटा साहिब से भाजपा विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे। 2007 में दोबारा विधायक बने और भाजपा की सरकार में 9 जुलाई 2009 से दिसंबर 2012 तक मुख्य संसदीय सचिव रहे। 2012 में सुखराम चौधरी 690 मतों से चुनाव हार गए।  2017 में तीसरी बार पांवटा साहिब से विधायक निर्वाचित हुए। वर्तमान में सुखराम चौधरी प्रदेश कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं। प्रदेश पुस्तकालय और सुविधाएं समिति के सदस्य हैं।

जानिए परिवार के बारे में

सुखराम चौधरी का जन्म 15 अप्रैल 1964 को किसान परिवार से संबध रखने वाले पिता स्व. तुलसी राम चौधरी और माता स्व. जैदो देवी के घर ग्राम पंचायत अमरगढ़ तहसील पांवटा साहिब में हुआ। इन्होंने इंटरमीडिएट के साथ-साथ इलेक्ट्रिकल में आईटीआई डिप्लोमा नाहन से किया हुआ है। इनकी शादी शशिबाला से हुई है, जो वर्तमान में टीजीटी आर्टस की अध्यापिका हैं। इनकी तीन बेटियां गीताजंली चौधरी, अनुराधा चौधरी व नवनीत चौधरी हैं। हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड में सुखराम चौधरी ने 1982 से नौकरी की शुरुआत की, इस दौरान कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी भी रहे। 1998 में जूनियर इंजीनियर के पद से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हुए। साथ ही राजनीतिक सफर की भी शुरुआत की।

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