सुखराम ने कुलदीप राठौर से पूछा-किसने दिया आपको टिकट बांटने का अधिकार

पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने टिकट को लेकर एक बार फिर पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है। मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में प्रतिभा ङ्क्षसह के नाम की पैरवी करने व सार्वजनिक तौर पर बयान देने पर उन्होंने कुलदीप राठौर को आड़े हाथ लिया है।

By Virender KumarEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:14 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:14 PM (IST)
सुखराम ने कुलदीप राठौर से पूछा-किसने दिया आपको टिकट बांटने का अधिकार
मंडी उपचुनाव को लेकर सुखराम ने कुलदीप राठौर पर निशाना साधा है। जागरण आर्काइव

मंडी, जागरण संवाददाता। पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने टिकट को लेकर एक बार फिर पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है। मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में संसद की पूर्व सदस्य प्रतिभा ङ्क्षसह के नाम की पैरवी करने व सार्वजनिक तौर पर बयान देने पर उन्होंने कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप ङ्क्षसह राठौर को आड़े हाथ लिया है।

मीडिया को दिल्ली से एक बयान जारी कर पंडित सुखराम ने कुलदीप ङ्क्षसह राठौर से पूछा है कि उन्हें टिकट बांटने का अधिकार किसने दिया है? पंडित सुखराम के बयान के बाद कांग्रेस की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। उन्होंने प्रतिभा ङ्क्षसह के नाम पर आपत्ति जताते हुए अपने पोते आश्रय शर्मा को उपचुनाव में सबसे सशक्त उम्मीदवार बताया है।

2019 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट से आश्रय शर्मा कांग्रेस उम्मीदवार थे। भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने उन्हें चार लाख से अधिक मतों से शिकस्त दी थी। रामस्वरूप शर्मा के निधन से यहां सीट खाली हुई है। आश्रय शर्मा चुनाव लडऩे को लेकर आनाकानी कर रहे थे। हालांकि पैनल में उनका नाम भी कांग्रेस कमेटी की तरफ से भेजा गया है। कांग्रेेस कमेटी व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से प्रतिभा ङ्क्षसह के नाम की खुलकर पैरवी करने से पंडित सुखराम अब विरोध पर उतर गए हैं।

पंडित सुखराम के अनुसार, वह पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य कारणों से दिल्ली में हैं। कुछ दिनों से मीडिया के माध्यम से पता चला है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने मंडी संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी की तरफ से प्रतिभा ङ्क्षसह का नाम तय होने की बात कही जा रही है। उन्होंने कुलदीप राठौर को याद दिलाया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास टिकट बांटने का कोई अधिकार नहीं है। टिकट किसे देना है और किसे नहीं। यह पार्टी हाईकमान का फैसला होता है। इस प्रकार के बयान देकर कुलदीप राठौर दूसरे दावेदारों को पूरी तरह से नजरअंदाज करने में लगे हुए हैं जो कि उचित नहीं हैं। पंडित सुखराम ने राठौर को सुझाव दिया कि यह पार्टी की अंदरूनी बातें हैं और इन पर बंद कमरे में चर्चा होनी चाहिए। व्यक्ति विशेष की वकालत करना उचित नहीं है। जल्द ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सोनिया और राहुल गांधी सहित अन्य प्रमुख नेताओं से मुलाकात करके उनके समक्ष अपनी बात रखेंगे। आश्रय शर्मा एक युवा और जुझारू नेता हैं। हार-जीत चली रहती है। यदि पिछले चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा है तो इसका मतलब यह नहीं कि भविष्य में उसे फिर कभी पार्टी की तरफ से टिकट हीं नहीं मिलेगा।Ó

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