स्थानीय इतिहास के ज्ञान, अभिभावकों की भागीदारी के मिलेंगे 14 अंक

मुनीष गारिया धर्मशाला अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में नौवीं से जमा दो क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 06:11 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 06:11 AM (IST)
स्थानीय इतिहास के ज्ञान, अभिभावकों की भागीदारी के मिलेंगे 14 अंक
स्थानीय इतिहास के ज्ञान, अभिभावकों की भागीदारी के मिलेंगे 14 अंक

मुनीष गारिया, धर्मशाला

अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में नौवीं से जमा दो कक्षा के विद्यार्थियों को अपने क्षेत्र के इतिहास का ज्ञान होना अनिवार्य होगा। इसके अलावा अभिभावकों को भी स्कूलों में समय पर उपस्थित होना होगा। इन दोनों के विद्यार्थियों को 10 से 14 अंक मिलेंगे। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने नई शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे बुधवार को सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा। शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि बुधवार को इस विषय में प्रदेश सरकार से चर्चा की जाएगी। इस बार भी पाठ्यक्रम में 30 फीसदी कटौती की गई है।

बोर्ड की ओर से तैयार प्रारूप के मुताबिक नौवीं से जमा दो के विद्यार्थियों को अपने क्षेत्र के इतिहासिक या प्रसिद्ध स्थलों का ज्ञान होना अनिवार्य होगा। अध्यापक हर विद्यार्थी को अपने क्षेत्र के इतिहास की केस स्टडी करने को देंगे। विद्यार्थी उस स्थल का मौखिक तौर पर पूरा विवरण पेश करेंगे। इस पर विद्यार्थी को हर विषय का एक-एक अंक यानी नौवीं व दसवीं वालों को कुल सात व जमा एक व दो कक्षा के बच्चों को पांच-पांच अंक दिए जाएंगे। इसके अलावा अभिभावकों को कम से कम दो बार विद्यालयों में आकर बच्चों की स्थिति का पता करना होगा। इसके भी एक-एक अंक प्रति विषय छात्र को दिए जाएंगे। विद्यार्थी को अपना गांव गोद लेना होगा। गोद लिए गांव में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखकर लोगों को जागरूक करना होगा। इसके लिए भी विद्यार्थी को एक-एक अंक प्रति विषय दिया जाएगा।

इसी तरह तीसरी कक्षा के बच्चों को राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय गीत व प्रार्थनाएं याद करवाई जाएंगी। योग व खेलकूद भी करवाई जाएगी। राष्ट्रीय गान व गीत अच्छे से याद रखने वाले विद्यार्थी को प्रति विषय तीन-तीन यानी कुल 12 अंक दिए जाएंगे। अभिभावकों की भागीदारी पर उन्हें दो-दो अंक यानी कुल आठ अंक दिए जाएंगे।

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